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ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच ईरानी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से की बातचीत, भारत ने किया शांति का आह्वान

अमेरिकी हमलों में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों के ध्वस्त होने के कुछ घंटों बाद, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। यह पहली बार है जब दोनों नेताओं ने ईरान-इज़राइल टकराव के बीच प्रत्यक्ष संवाद किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए कहा कि उन्होंने “हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की और संवाद व कूटनीति के रास्ते से समाधान निकालने की अपील की।”

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति पेजेशकियान ने प्रधानमंत्री को ईरान-इज़राइल संघर्ष की ताज़ा स्थिति और क्षेत्रीय परिदृश्य की जानकारी दी।

मोदी ने इस दौरान यह स्पष्ट किया कि “भारत हमेशा शांति और मानवता के पक्ष में खड़ा है।” उन्होंने क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति, सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने के लिए तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

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इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और पुनर्वास में सहयोग देने के लिए ईरानी सरकार को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

बातचीत के अंत में यह सहमति बनी कि दोनों नेता संपर्क में बने रहेंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और विदेश मंत्री गिदोन सार ने भी भारत से संपर्क किया था, जबकि ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराकची पहले ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात कर चुके हैं।

भारत वर्तमान संघर्ष को लेकर एक जटिल कूटनीतिक स्थिति में है। एक ओर वह ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह, अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC), और ब्रिक्स जैसे मंचों पर रणनीतिक सहयोग करता है, वहीं दूसरी ओर इज़राइल के साथ भी उसका गहरा सैन्य और तकनीकी रिश्ता है।

भारत और ईरान ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान को लेकर साझा सुरक्षा चिंताओं पर भी आपसी सहयोग बढ़ाया है।

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