\

अंतर्राष्ट्रीय म्युजियम दिवस पर महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर संगोष्ठी का आयोजन हुआ

अंतर्राष्ट्रीय म्युजियम दिवस पर महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रेक्षागृह में 18 मई को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में धरोहर संग्रह एवं संग्रहालय की आवश्यकता, उसका रख रखाव एवं आधुनिक युग में संग्रहालय के डिजिटलाईजेशन पर व्याख्यान हुए।

दीप प्रज्जवलित करते हुए पद्म श्री अरुण कुमार शर्मा, श्री राकेश तिवारी, श्री प्रताप पारेख, श्री जी एक रौतेला

संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रुप में डॉ जी एस रौतेला, पूर्व निदेशक इंडियन म्यूजियम कलकत्ता एवं श्री राकेश तिवारी पूर्व निदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली थे। इसके अतिरिक्त पद्म श्री अरुण कुमार शर्मा, डॉ एल एल निगम पूर्व विभागाध्यक्ष प्राचीन भारतीय इतिहास पुरातत्व एवं संस्कृति पं रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर, श्री अशोक तिवारी पूर्व उप संचालक इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय भोपाल ने भी व्याख्यान दिए।

दीप दान के पश्चात संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ, उप संचालक पुरात्व एवं संस्कृति श्री राहुल सिंह ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। इसके पश्चात डॉ जी एस रौतेला ने पावर पाइंट के माध्यम से लगभग ढाई घंटे तक संग्रहालय की व्यवस्था, तकनीकि पहलु एवं मार्केटिंग से संबधित विषय पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि संग्रहालय में वस्तुओं का प्रदर्शन इस तरह से करना चाहिए कि उपस्थित दर्शक कम समय में दर्शन कर कर सके तथा पहले संग्रहालय तक दर्शक आते थे, अब मार्केटिंग के युग में संग्रहालय को दर्शकों तक पहुंचना चाहिए, उन्हें आमंत्रित करना चाहिए जिससे वे संग्रहालय तक पहुंच सकें।

श्री अशोक तिवारी, श्री जी एक रौतेला, श्री राकेश तिवारी, पद्म श्री अरुण शर्मा, श्री राहुल सिंह

संग्रहालय के आधुनिककरण के लिए डिजिटल डिस्पले का प्रयोग भी करना चाहिए। इंटरनेट के युग में क्लाऊड के माध्यम से धरोहरों को संरक्षित करना चाहिए, जिससे यदि वे किसी अनहोनी में नष्ट हो जाएं तो हमारे पास उनकी छायाप्रति एवं संबंधित जानकारियाँ संरक्षित रहें।

पद्म श्री अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि पुरातत्व विभाग द्वारा उत्खनित वस्तुओं का प्रदर्शन उसी स्थान पर होना चाहिए जहाँ उत्खनन हुआ है। इसके लिए संग्रहालय बनाने की आवश्यकता है, परन्तु इस कार्य पर न राज्य सरकार ध्यान देती है, न केन्द्र सरकार।

बिहिनिया का विमोचन

इसके पश्चात संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति श्री जितेन्द्र शुक्ला की उपस्थिति में संग्रहालय दिवस पर स्कूली बच्चों के लिए आयोजित प्रश्नोत्तरी एवं चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार दिए गए एवं अनाम प्रेम नामक संस्था के संचालक लोकेश कावडिया एवं उनके सहयोगियों द्वारा संग्रहालय कर्मियों का सम्मान किया गय। इस अवसर पर विभागीय पत्रिका बिहिनिया का भी विमोचन किया गया।

द्वितीय सत्र में श्री राकेश तिवारी का व्याख्यान हुआ, उन्होने पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से हांगकांग के आधुनिक संग्रहालय का प्रदर्शन किया तथा बताया कि संग्रहालय का आधुनिककरण किस तरह से किया जा सकता है। जहाँ दर्शक स्वयं उस युग में उपस्थित रहकर अवलोकन कर सके।

विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण श्री जी एस रौतेला द्वारा

इसके पश्चात डॉ लक्ष्मी शंकर निगम एवं श्री अशोक तिवारी के व्याख्यान के पश्चात समारोह का समापन हुआ। समापन भाषण में श्री अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि संग्रहालय की आवश्यकता पर यह छत्तीसगढ़ में पहली संगोष्ठी का आयोजन है, जो कि बहुत ही सार्थक रही, भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए।

कार्यक्रम में संग्रहालयाध्यक्ष श्री प्रताप पारख, आशीष ठाकुर, असीम चंदेल, डॉ के पी वर्मा, श्री राम पटवा, श्री जी एल रायकवार, श्री प्रभात सिंह, श्री प्रवीण तिर्की सहित अधिक बड़ी संख्या में सम्मानित नागरिक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन उप संचालक श्री राहुल सिंह ने किया एवं मंच सचालन श्रीमती परिहार ने किया।

One thought on “अंतर्राष्ट्रीय म्युजियम दिवस पर महंत घासीदास संग्रहालय रायपुर संगोष्ठी का आयोजन हुआ

  • May 19, 2018 at 10:25
    Permalink

    आयोजन की पल पल की खबर, ऐसा लगा जैसे हम खुद कार्यक्रम में मौजूद है । धन्यवाद ।

Comments are closed.