भारत और ऑस्ट्रेलिया का संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑस्ट्राहाइंड 2024 चीन की चिंता का कारण
पुणे। पुणे के औंध में इन दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहाइंड 2024’ चल रहा है, जो 8 नवंबर से शुरू हुआ है और 21 नवंबर तक चलेगा। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामरिक तालमेल को मजबूत करना और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। विशेष रूप से, यह अभ्यास चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और उसके द्वारा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किए जा रहे दखलअंदाजी के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
क्वाड: चीन के खिलाफ रणनीतिक साझेदारी
भारत और ऑस्ट्रेलिया क्वाड (क्वाड्रैंगल सिक्योरिटी डायलॉग) के सदस्य हैं, जिसमें अमेरिका और जापान भी शामिल हैं। इस सामरिक गठबंधन का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता पर लगाम लगाना है। दोनों देशों के बीच यह सैन्य अभ्यास चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और क्षेत्रीय विस्तार की नीति के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजता है। इस अभ्यास में, दोनों देशों के सैनिक शारीरिक फिटनेस, विशेष हथियारों के कौशल और संयुक्त सामरिक योजनाओं में भाग ले रहे हैं, ताकि वे एक-दूसरे के युद्ध कौशल और रणनीतियों को समझ सकें।
अभ्यास के पहले चरण में कौशल का विकास
इस सैन्य अभ्यास के पहले चरण में भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने शारीरिक फिटनेस, हथियारों के कौशल और संयुक्त सामरिक योजनाओं में प्रशिक्षण लिया। उन्होंने मिलकर युद्धाभ्यास, घायल सैनिकों की मदद, और अन्य सैन्य तकनीकों का अभ्यास किया। इन सभी अभ्यासों का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना और आपसी सहयोग को मजबूत करना है। इसके अतिरिक्त, सैनिकों ने पुणे के ऐतिहासिक सिंहगढ़ किले का दौरा किया, जहां उन्हें भारतीय इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
एनडीए में प्रशिक्षण और अगले चरण की तैयारी
ऑस्ट्रेलियाई दल ने 12 नवंबर को पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) का दौरा किया, जहां उन्हें अकादमी की आधुनिक सुविधाओं और प्रशिक्षण प्रणाली के बारे में जानकारी मिली। अगले चरण में, दोनों देशों की सेनाएं 48 घंटे के विशेष युद्धाभ्यास में भाग लेंगी, जिसमें अब तक सीखे गए सभी कौशल का परीक्षण किया जाएगा।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
‘ऑस्ट्राहाइंड 2024’ का यह अभ्यास भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करता है और साथ ही साथ क्वाड गठबंधन के अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के प्रयासों को भी सुदृढ़ करता है। यह अभ्यास न केवल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश भी भेजता है।
चीन की बढ़ती चिंता
चीन ने इस सैन्य अभ्यास पर पैनी नजर रखी हुई है, क्योंकि क्वाड देशों की सैन्य साझेदारी और सहयोग उसकी रणनीतिक योजना के लिए खतरा बन सकता है। इसके साथ ही, चीन को यह भी चिंता है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया की बढ़ती साझेदारी उसकी क्षेत्रीय दखलअंदाजी को चुनौती दे सकती है।