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दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार की बड़ी पहल: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर, 23 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य तभी साकार हो सकते हैं, जब समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेषकर दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मंत्रालय महानदी भवन में समाज कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि समय की माँग है कि शत-प्रतिशत दिव्यांगजनों को कौशलयुक्त बनाकर उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया जाए। इसके लिए त्वरित कार्ययोजना बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों के लंबित पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और निराश्रितों के कल्याण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इस कार्य को सेवा-भावना के साथ प्राथमिकता में रखने को कहा, ताकि पात्र हितग्राहियों को समय पर उनका अधिकार प्राप्त हो सके।

मुख्यमंत्री ने वृद्धाश्रमों, अनुदान प्राप्त दिव्यांग संस्थाओं एवं पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्थाओं को और अधिक व्यवस्थित तथा सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षण देकर मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न ट्रेडों में दक्ष बनाया जाए, ताकि वे स्व-रोजगार से जुड़ सकें और समाज में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

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समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर मिलने वाले बेघर, बेसहारा, घुमंतू, दिव्यांग, बच्चे और महिलाएं यदि पुनर्वास की आवश्यकता में हों, तो उन्हें तत्काल पुनर्वास केंद्रों तक पहुंचाने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही विभिन्न पेंशन प्रकरणों का भौतिक सत्यापन कर पात्र हितग्राहियों को प्राथमिकता से पेंशन दी जाए। विभागीय हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकें।

मुख्यमंत्री ने तृतीय लिंग समुदाय के पंजीयन की प्रक्रिया में तेजी लाने तथा उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए विशेष शिविरों का आयोजन कर यूडीआईडी (UDID) पंजीयन और मेडिकल प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को भी तेज करने को कहा।

उन्होंने यह भी कहा कि कृत्रिम अंग, बैसाखी, श्रवण यंत्र, ट्राइसायकल या फिजियोथेरेपी जैसी जरूरतें रखने वाले जरूरतमंदों को आवश्यक उपकरण तत्काल उपलब्ध कराए जाएं। शासन की यह प्रतिबद्धता होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति बिना सहारे के न रहे।

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बैठक में समाज कल्याण विभाग की कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदाय योजना, सामर्थ्य विकास योजना, निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय निःशक्तजन पुनर्वास कार्यक्रम तथा विभिन्न पेंशन योजनाओं सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की गई। अधिकारियों द्वारा बीते एक वर्ष में आयोजित 137 दिव्यांग विशेष स्वास्थ्य शिविरों की जानकारी दी गई, जिनमें 7669 दिव्यांगजनों का परीक्षण कर 6671 को उपकरण वितरित किए गए हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, समाज कल्याण सचिव भुवनेश यादव, संचालक रोक्तिमा यादव सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।