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एक युग का अंत: विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास लेने के कुछ ही दिनों बाद कोहली का यह निर्णय सामने आया है, जिसने क्रिकेट जगत को चौंका दिया है।

कोहली ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश में लिखा, “चुपचाप की गई मेहनत, वो लंबे दिन और छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता लेकिन हमेशा याद रह जाते हैं। इस फॉर्मेट से विदा लेना आसान नहीं है, लेकिन यह सही समय लगता है।”

36 वर्षीय कोहली के इस फैसले के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं — उम्र, मानसिक थकान और हाल के वर्षों में बल्ले से निरंतर प्रदर्शन की कमी। उन्होंने आखिरी बार 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला खेली थी, जहां उनका फॉर्म चिंता का विषय था।

हालांकि, कोहली के संन्यास को सिर्फ प्रदर्शन से जोड़कर देखना गलत होगा। यह वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक दशक से भी ज्यादा समय तक भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2011 में डेब्यू करने वाले कोहली ने अपने करियर में 8848 टेस्ट रन बनाए और 29 शतक जड़े।

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कोहली का क्रिकेट के प्रति समर्पण बचपन से ही साफ था। 2006 में जब उनके पिता का निधन हुआ, तब भी वह अगले दिन रणजी ट्रॉफी मैच खेलने उतरे थे और टीम के लिए महत्वपूर्ण पारी खेली थी। वह अपनी प्रतिबद्धता और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं।

हाल के वर्षों में कोहली ने अपनी मानसिक स्थिति को लेकर भी खुलकर बात की। उन्होंने माना कि वह कभी-कभी खुद की पहचान को लेकर असमंजस में पड़ जाते थे। क्रिकेट के दबाव और उम्मीदों के बीच वे खुद से जुड़ने की कोशिश कर रहे थे।

हालांकि कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा है, लेकिन उनका सीमित ओवरों का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। वनडे और टी-20 में उनकी उपस्थिति और योगदान अभी भी भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।

विराट कोहली के टेस्ट करियर का अंत एक युग का अंत है, लेकिन उनका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों के खिलाड़ियों पर बना रहेगा।

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