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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई व जमीनी निरीक्षण

रायपुर, 1 सितंबर 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और बस्तर का हवाई सर्वेक्षण एवं जमीनी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुँचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर संवेदनशीलता और तत्परता आवश्यक है।

राहत शिविर का निरीक्षण और निर्देश

मुख्यमंत्री दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा पारा स्थित अस्थायी राहत शिविर पहुँचे, जहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भेंट की और उनकी समस्याएँ सुनीं। उन्होंने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। प्रशासन को निर्देशित किया गया कि शिविरों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित आवास की सतत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित सभी लोगों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाए और उनके पुनर्वास के कार्य प्राथमिकता पर तेजी से किए जाएं। साथ ही शिविरों में राशन, बर्तन और कपड़े जैसी आवश्यक सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को मकान की मरम्मत अथवा नए मकान निर्माण हेतु सहायता राशि समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और राजस्व विभाग के अधिकारियों को बाढ़ से हुई फसल क्षति, पशुधन हानि एवं अन्य नुकसानों का शीघ्र आकलन कर प्रभावितों को मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए।

क्षतिग्रस्त पुल और बुनियादी सुविधाओं की बहाली

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाएँ कठिनाई अवश्य लाती हैं, परंतु प्रशासनिक तत्परता और जनसहयोग से इन कठिनाइयों का समय पर समाधान संभव है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की देखभाल को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित सुविधाओं की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।

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स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की तैनाती और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद कर यह भी पूछा कि क्या वे प्रशासन की मदद से संतुष्ट हैं। प्रभावितों ने जिला प्रशासन के त्वरित सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य जांच, बीमारों के उपचार और दवाइयों की उपलब्धता के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थिति सामान्य होने तक शिविर में नियमित स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँ। साथ ही बाढ़ के बाद संभावित उल्टी-दस्त और अन्य जलजनित मौसमी बीमारियों पर निगरानी रखने, बचाव हेतु पेयजल स्रोतों का अनिवार्य क्लोरीनेशन करने और प्रभावित वार्डों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

उन्होंने आमजन को शुद्ध पेयजल के उपयोग, स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता बताई।

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समीक्षा बैठक और आगे की रणनीति

मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा कलेक्टोरेट में जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति, पुनर्वास योजनाओं और प्रभावित परिवारों को दी जा रही तत्कालिक सहायता की विस्तृत समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रशासनिक टीमें लगातार प्रभावित गाँवों में पहुँच बनाए रखें और हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री समय पर पहुँचे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद महेश कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबा साहेब कंगाले, संभागायुक्त डोमन सिंह तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।