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आस्था, संस्कृति और आर्थिक विकास का संगम महाकुंभ 2025

हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार कुंभ मेला एक धार्मिक महाआयोजन है जो 12 वर्षों के दौरान चार बार मनाया जाता है। कुंभ मेले का भौगोलिक स्थान भारत में चार स्थानों पर फैला हुआ है और मेला स्थल चार पवित्र नदियों पर स्थित चार तीर्थस्थलों में से एक के बीच घूमता रहता है

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स्वाभिमान और स्वाधीनता की मिसाल महाराणा प्रताप

राणा जी अकबर से पराजित होते या अभाव होता तो यह विकास और समृद्धि प्रयास संभव ही नहीं थे। अंततः 19 जनवरी 1597 में स्वाभिमान के साथ उन्होंने देह त्यागी। कोटिशः नमन् परम् वीर यौद्धा राणा प्रताप जी को।

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प्राचीन संस्कृति और पर्यटन का संगम है 7वीं-8वीं शताब्दी का सिद्धेश्वर शिव मंदिर

राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा के देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित एवं संवर्धित करने निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के नगर पंचायत पलारी स्थित सिद्धेश्वर शिव मंदिर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।

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तिल चौथ का महत्व, इतिहास, पौराणिक कथा और विधि

तिल चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल आध्यात्मिक रूप से प्रेरित करता है, बल्कि जीवन में अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम भी है। भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और जीवन के संकटों को दूर करने के लिए यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है। 

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प्राचीन भारतीय आर्थिक दर्शन और वैश्विक आर्थिक समस्याओं का समाधान

वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अन्य देशों की मुद्राओं की कीमत अमेरिकी डॉलर की तुलना में गिर रही है। इससे, विशेष रूप से विभिन्न वस्तुओं का आयात करने वाले देशों में वस्तुओं के आयात के साथ मुद्रा स्फीति का भी आयात हो रहा है।

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शराब घोटाले में ईडी का बड़ा एक्शन : कवासी लखमा और बेटा गिरफ़्तार

कवासी लखमा तीसरी बार पूछताछ के लिए ईडी के रायपुर स्थित कार्यालय पहुंचे थे, जहां लंबी पूछताछ के बाद उन्हें और उनके बेटे को गिरफ्तार किया गया।

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