लांस नायक वेदराम
सामने पहाड़ी पर एक टक निगहबानी करती हुई मेरी एक जोड़ी आंखे जमी हुई बर्फ़ को देख रही थी। दूर
Read moreसामने पहाड़ी पर एक टक निगहबानी करती हुई मेरी एक जोड़ी आंखे जमी हुई बर्फ़ को देख रही थी। दूर
Read moreशब-ए-रोज यह वाकया घटता है मेरे साथ, तेरे घर के सामने लगे नियोन ब्लब की नीली रोशनी दूर से ही
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