साहित्य

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डॉ. निरुपमा सरमा अउ उंकर बाल कविता

छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया। एमन सरल सुभाव के होथे उन मिलनसार होथे, बासी खाके खेत म अन्न उगाथे,अपन घर पहुना ल बासी खवाके प्रेम से बिदा करथे, खुदे उघरा रइथे , आने ल तन ढंके बर ओन्हा देथें। छलकपट कभू नइ जानै फेर सच कहे बर फुर बोलिक होथे , देस भक्ति के रूप म उन तिरंगा झंडा के गुणगान करथें

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इतिहास के आइने में बेलसंड-सीतामढ़ी

सीतामढ़ी का महत्व रामायण की कथा के अनुसार सही ढंग से समझा जा सकता है। राजा जनक सीतामढ़ी के पुनौरा और उर्विजा कुंड क्षेत्र में अनावृष्टि को रोकने हेतु हल चलाने, कृषि कर्म का उद्घाटन करने आये थे। इसी-के दौरान सीता जी प्राप्त हुई। इसी क्षेत्र में हलेश्वर स्थान मंडल है, जहाँ कृषि कर्म के उपरान्त हल रखा गया था। सीता जी की स्मृति से ही जुड़ा एक स्थान पंथपाकड़ है, जहाँ पर विवाह उपरान्त आयोध्या जाते हुये सीता जी की डोली रखी गयी थी,

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साहित्य

संघर्षशील मनुष्य की संवेदनशील अभिव्यक्ति : स्व. मधु धांधी

भूले -बिसरे कवि स्वर्गीय मधु धान्धी की कविताएं, (जन्म दिवस 21 जून ) साहित्यिक प्रतिभाओं के मामले में छत्तीसगढ़ की धरती

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श्रृंखला साहित्य मंच पिथौरा के तत्वाधान में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री कन्हैया लाल डड़सेना की स्मृति में जनपद पंचायत पिथौरा (जिला-महासमुंद) के ग्राम टेका में कल

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कविता ठीहे पर काव्य संगोष्ठी का भव्य आयोजन अभनपुर में हुआ

#कविता_ठीहे_पर काव्य संगोष्ठी का आयोजन अभनपुर के गायत्री मंदिर प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। प्रदेश के नामी एवं नवोदित कवि/कवीयत्रियों ने पहुंच

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चोला माटी के हो राम, माटी के गीत गाने वाला, माटी का लाल, माटी में समा गया

जीवन भर माटी-महतारी की महिमा का बखान करने वाला माटी का लाल यह प्रतिभावान कवि छत्तीसगढ़ की माटी में समा गया।

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