प्रदर्शन कलाओं में रघुनंदन
जनजातीय संस्कृति का भी रामायण से नज़दीकी रिस्ता है। यहाँ कातकरी खुद को वानर सेना का वंशज मानते हैं। भील माता शबरी को अपना वंशज मानते हैं।सह्याद्रि क्षेत्र के वनवासी हर साल बोहाडा उत्सव मनाते हैं।
Read Moreजनजातीय संस्कृति का भी रामायण से नज़दीकी रिस्ता है। यहाँ कातकरी खुद को वानर सेना का वंशज मानते हैं। भील माता शबरी को अपना वंशज मानते हैं।सह्याद्रि क्षेत्र के वनवासी हर साल बोहाडा उत्सव मनाते हैं।
Read Moreकिसी ज़माने में राजे -महाराजे भले ही सोने -चाँदी के बर्तनों में भोजन करते रहे हों ,लेकिन उस दौर में
Read Moreरायपुर .“दक्षिण कोसल की रामलीला एवं उसका सामाजिक प्रभाव”विषय पर हुई वेबिनार में वक्ताओं ने कहा कि रामलीला केवल आस्था तक सीमित नहीं हैं। वास्तव में यह तो संस्कार का अहम् स्रोत है।
Read Moreरामायण विश्व महाकोश की तैयारी की यह २१ वी बैठक थी जो माननीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी
Read Moreनायक बंजारों का उल्लेख इतिहास में मिलता है। ये व्यवसाय के उद्देश्य से भ्रमण करते थे तथा इनका मुख्य व्यवसाय नमक का व्यापार था।
Read Moreभोजली महोत्सव में भोजली माता की पूजा अर्चना करके उनसे प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
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