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विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में नाग एवं जैव विविधता संरक्षण

नागों की उपस्थिति एवं उनकी पूजा प्राचीन सभ्यताओं एवं संस्कृतियों महत्व स्थान रखती है। भले ही उनकों अलग-अलग रुपों या कारणों से पूजा जाता हो परन्तु वे मानव सभ्यताओं में विशेष स्थान रखते हुए वर्तमान में भी विशिष्ट बने हुए हैं।

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श्रावणी तीज की परम्परा एवं महत्व

हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं और विशेष श्रृंगार करती हैं। इसे महिलाओं का दिन कहा जाता है और इस दिन भाई अपनी बहन के ससुराल जाकर उसका सिंधारा लेकर आते हैं और बहन को मायके लेकर आते हैं। इस दिन का इंतजार हर महिला पूरे साल करती हैं और सुहागिनें खास शॉपिंग करती हैं ताकि वे तैयार होकर और भी खूबसूरत नजर आएं।

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कुलदेव महेश्वरनाथ महादेव : माखन साव के वंशधर

छत्तीसगढ़ के अधिकांश शिव मंदिर सृजन और कल्याण के प्रतीक स्वरूप निर्मित हुए हैं। लिंग रहस्य और लिंगोपासना के बारे

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परंपरा और संस्कृति से सराबोर हरेली तिहार

सावन मास की अमावस्या, जब वसुंधरा हरित परिधान ओढ़ लेती है। गाँव- गाँव के खेत खलिहान, नदी, तालाब जल से

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छत्तीसगढ़ के लोक जीवन में बरखा ॠतु

छत्तीसगढ़ का अधिकांश भूभाग मैदानी है इसलिए यहां के जन जीवन में वर्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि यहां का

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बुंदेलखंडी वाचिक परम्परा में जीवन के विविध रंग

‘लोकगीत’ धरती, पर्वत, फसलों, नदियों का राग है, प्रकृति की उन्मुक्त आवाज़ है जो उत्सवों, मेलों और त्योहारों में लोक समूहों के मधुर कंठों से गुंजारित होकर कानो में रस घोलती है। साहित्य की छंदबद्धता एवं अलंकारों से मुक्त रहकर ये मानवीय संवेदनाओं के संवाहक के रूप में माधुर्य प्रवाहित कर हमें तन्मयता के लोक में पहुँचा देते हैं।

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