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आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर खनिजों की करें खोज: सचिव श्री पी. दयानंद

छत्तीसगढ़ में खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि, 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति

रायपुर, 07 अगस्त 2024 – छत्तीसगढ़ में खनिज राजस्व में पिछले वर्ष के दौरान ऐतिहासिक वृद्धि देखने को मिली है। राज्य के खनिज विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल छत्तीसगढ़ की 24वीं बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 13,000 करोड़ रुपए के खनिज राजस्व की प्राप्ति हुई है, जो राज्य की स्थापना के वर्ष की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक है।

बैठक में श्री पी. दयानंद ने खनिजों की महत्वता पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी देश और राज्य के विकास में खनिजों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने खनिज आधारित नये उद्योगों की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ में मौजूद खनिजों के सतत् और व्यवस्थित अन्वेषण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न विभागों और संस्थानों को राज्य के समग्र विकास के लिए अपनी क्षमताओं, संसाधनों और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने की सलाह दी। इसके साथ ही, खनिज विकास के लिए कार्य करने वाली एजेंसियों के बीच डेटा साझा करने और समन्वय स्थापित करने की भी सिफारिश की।

खनिज अन्वेषण में नए महत्वपूर्ण खोज

भौमिकी और खनिकर्म विभाग के संचालक श्री सुनील कुमार जैन ने वर्ष 2023-24 के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस वर्ष कुल 1050 मिलियन टन चूना पत्थर और 179 मिलियन टन लौह अयस्क के भंडार का आकलन किया गया है। खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में NMET के तहत चूना पत्थर के लिए एक अन्वेषण परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त, दो ग्रेफाइट और एक दुर्लभ मृदा धातुओं (REE) के लिए भी प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं।

भविष्य की योजनाएं और परियोजनाएं

समीक्षा के दौरान वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित भू-वैज्ञानिक कार्यों की भी चर्चा की गई। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक डॉ. सुदीप भट्टाचार्या ने बताया कि विभिन्न जिलों में बाक्साइट, गोल्ड, कॉपर, ग्लूकोनाइट, ग्रेफाइट, बेसमेटल, डायमंड, लिथियम, REE, PGE, फास्फोराइट, और फ्लोराइट के खनिजों के सर्वेक्षण कार्य किए गए हैं।

वर्ष 2024-25 में कुल 25 परियोजनाओं पर काम शुरू किया जाएगा, जिनमें से 12 परियोजनाओं को संचालनालय भौमिकी और खनिकर्म द्वारा अनुमोदित किया गया है। इनमें मैंगनीज, ग्रेफाइट, चूना पत्थर, लौह अयस्क और बाक्साइट पर केंद्रित परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, विभिन्न संस्थानों द्वारा 44 परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है, जो विभिन्न खनिजों की अन्वेषण-पूर्वेक्षण पर आधारित हैं।

इस प्रकार, छत्तीसगढ़ के खनिज क्षेत्र में लगातार प्रगति हो रही है, जो राज्य के आर्थिक विकास और संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

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