बजट 2025 की प्रमुख घोषणाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया, जिसमें कृषि, विनिर्माण, मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने और समावेशी विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट की प्रमुख घोषणाएँ निम्नलिखित हैं:
वित्तमंत्री की बड़ी घोषणा नौकरी पेशा की 12 लाख की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।
-
अगले हफ़्ते नया आयकर बिल लाया जाएगा
- मोबाईल, एलईडी एलसीडी टीवी सस्ता
- लीथियम बैटरी सस्ती, ईवी कार सस्ती
- कैंसर की 36 दवाएं सस्ती
- कपड़े का सामान सस्ता
- वरिष्ठ नागरिकों की टैक्स सीमा बढाई गई
- विदेशों से आने वाले पैसे पर छूट
- टीसीएस 7 लाख से बढकर 10 लाख किया गया
कृषि क्षेत्र:
- दालों और कपास के उत्पादन को बढ़ावा: दालों के उत्पादन के लिए छह वर्षीय मिशन और कपास के लिए पांच वर्षीय मिशन की शुरुआत की जाएगी।
- किसानों के लिए सब्सिडी युक्त ऋण सीमा में वृद्धि: किसानों के लिए सब्सिडी युक्त ऋण की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, जो पहले 3 लाख रुपये थी।
विनिर्माण और एमएसएमई:
- राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन: ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए नीति समर्थन प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।
- एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर में वृद्धि: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया है।
- स्टार्ट-अप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स: स्टार्ट-अप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी योगदान के साथ एक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना की जाएगी।
बुनियादी ढांचा और शहरी विकास:
- राज्यों के लिए ब्याज-मुक्त ऋण: राज्यों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के 50 वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किए जाएंगे।
- समुद्री विकास कोष: 250 अरब रुपये के कोष के साथ समुद्री विकास कोष की स्थापना की जाएगी।
- शहरी चुनौती कोष: 1 लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष की स्थापना की जाएगी।
अन्य प्रमुख घोषणाएँ:
- क्षेत्रीय हवाई संपर्क में वृद्धि: अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों के लिए क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाया जाएगा।
- महत्वपूर्ण खनिज विकास नीति: महत्वपूर्ण खनिजों के विकास के लिए एक नीति शुरू की जाएगी।
- कौशल विकास केंद्र: विनिर्माण क्षेत्र के लिए कुशल मानव संसाधन बढ़ाने हेतु पांच राष्ट्रीय कौशल केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
इन पहलों का उद्देश्य कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों को सशक्त करना, मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाना और समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।