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गैर-हिन्दू कर्मचारियों को तिरुमला बोर्ड द्वारा VRS या तबादले का प्रस्ताव

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड ने गैर-हिन्दू कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) या अन्य विभागों में स्थानांतरण का प्रस्ताव रखा है। इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक परंपराओं को बनाए रखना है। माना जा रहा है कि यह कदम लगभग 300 कर्मचारियों को प्रभावित कर सकता है। सोमवार को इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया।

टीटीडी, एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट, तिरुपति स्थित प्रसिद्ध तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर की देखभाल करता है। बोर्ड के अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने कहा कि केवल हिन्दू कर्मचारियों को मंदिर प्रबंधन का हिस्सा होना चाहिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीटीडी के लगभग 7000 स्थायी कर्मचारियों में से करीब 300 इस प्रस्ताव के दायरे में आ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, टीटीडी में 14,000 से अधिक अनुबंधित कर्मचारी भी हैं।

गौरतलब है कि टीटीडी एक्ट में तीन बार संशोधन किया जा चुका है, ताकि बोर्ड और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिन्दुओं को नियुक्त किया जा सके। 1989 में इस संबंध में सरकारी आदेश भी जारी हुए थे।

हालांकि, इन प्रावधानों के बावजूद कुछ गैर-हिन्दू कर्मचारी अभी भी कार्यरत हैं। अध्यक्ष नायडू के अनुसार, इस मुद्दे पर हिन्दू कर्मचारियों से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। उनके अनुसार, धार्मिक संस्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह निर्णय आवश्यक है।

यह प्रस्ताव विभिन्न कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त कर रहा है, जो इसे धार्मिक परंपराओं के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।