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डॉ. चरणदास महंत के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देश पर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के खिलाफ कोतवाली थाने में आईपीसी की धारा 506 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है। आयोग ने राजनांदगांव के कलेक्टर / जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल को हेट स्पीच मामले में एफआईआर का आदेश दिया। इस आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार मनीष वर्मा ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई

शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया। उल्लेखनीय है कि राज्य निर्माण के बाद हेट स्पीच मामले में छत्तीसगढ़ में यह पहली बड़ी कार्रवाई होगी, जिसमें सीधे भारत निर्वाचन आयोग आयोग ने एफआईआर का आदेश दिया है। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने गत 3 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल की राजनांदगांव की नामांकन रैली व चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर पर लाठी मारने जैसा बयान दिया था।

इस बयान को प्रदेश भाजपा ने बिना देरी किए लपका और डॉ. महंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, राजधानी में उनके निवास में प्रदर्शन भी हुआ, वहीं अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस के जरिए भाजपा नेताओं ने डॉ. महंत के बयान की आलोचना की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत भाजपा नेताओं ने ‘पहली लाठी मुझे मारो’ जैसे सोशल मीडिया में अभियान भी चलाए और अलग-अलग बयान भी दिए ।

राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में मुद्दा जोर-शोर से उठाया । दूसरे दिन 4 अप्रैल को भाजपा प्रत्याशी संतोष पाण्डेय की नामांकन रैली व चुनावी सभा में भी यह मुद्दा गरमाया रहा। इस बीच भाजपा निर्वाचन आयोग संपर्क समिति के संयोजक डॉ. विजय शंकर मिश्रा ने डॉ. महंत के बयान को हेट स्पीच करार देते हुए सीईओ रीना बाबा साहेब कंगाले से शिकायत भी की और एक कॉपी भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली भेजी गई।

सूत्रों का कहना है कि इस शिकायत को संज्ञान में लेकर भारत चुनाव आयोग नई दिल्ली ने जांच कराई और जांच के बाद सीधे कलेक्टर / जिला निर्वाचन अधिकारी राजनांदगांव को एफआईआर का आदेश दिया है। शुक्रवार देर शाम इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आयोग की इस कार्रवाई को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है और राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

गत 3 अप्रैल को बयान देने के दूसरे दिन अपने बयान से नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत पलट गए। उन्होंने बकायदा बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ी नहीं समझने वाले लोग उनकी बात को समझ नहीं पाए और इसे खामोख्वाह बात का बतंगड़ बना रहे हैं। उनके बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी सामने आए। दरअसल डॉ. महंत कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं, इसलिए अफसरों का कहना है कि स्टार प्रचारकों के खिलाफ राज्य के सीईओ या जिला निर्वाचन अधिकारी सीधे कार्रवाई नहीं कर सकते हैं, इसलिए भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली को उक्त शिकायत भेजी गई, जिस पर कार्रवाई का आदेश जारी हुआ है।

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