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फुटहामुड़ा नहर परियोजना से नगरी अंचल को मिलेगी सिंचाई की नई ताकत, 22 गांवों में बदलेगा कृषि परिदृश्य

रायपुर, 30 दिसंबर 2025/ धमतरी जिले के नगरी विकासखंड में बहुप्रतीक्षित फुटहामुड़ा नहर निर्माण परियोजना अब तेज़ी से धरातल पर उतर रही है। यह महत्वाकांक्षी योजना क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ किसानों के जीवन में स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

गंगरेल जलाशय के सैंडल डैम, ग्राम फुटहामुड़ा से प्रारंभ होकर लगभग 19.74 किलोमीटर लंबी यह नहर नगरी विकासखंड के 22 ग्रामों के करीब 1940 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएगी। परियोजना के पूर्ण होने के बाद खरीफ के साथ-साथ रबी फसलों का रकबा भी बढ़ेगा, जिससे किसानों की उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा और उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है।

परियोजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। मुख्य नहर से प्रभावित 10 ग्रामों में 14.33 हेक्टेयर भूमि का भू-अर्जन पूर्ण हो चुका है। वहीं वन प्रकरण से प्रभावित 24.42 हेक्टेयर भूमि के लिए भी अंतिम स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इन सभी स्वीकृतियों के बाद निर्माण कार्य में आने वाली प्रमुख बाधाएं समाप्त हो चुकी हैं और कार्य अब निर्बाध गति से आगे बढ़ रहा है।

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जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अनुसार, यह परियोजना केवल सिंचाई सुविधा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी। सिंचाई सुनिश्चित होने से कृषि आधारित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, किसानों की आय में वृद्धि होगी और पलायन जैसी समस्याओं पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।

फुटहामुड़ा नहर परियोजना को नगरी विकासखंड के किसानों के लिए दीर्घकालीन लाभ देने वाली योजना के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ निर्धारित समयसीमा में पूर्ण हो, ताकि यह परियोजना कृषि समृद्धि के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र विकास को नई दिशा दे सके।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में उच्च स्तरीय अधिकारियों ने परियोजना स्थल का निरीक्षण कर निर्माण प्रगति, तकनीकी पहलुओं और आवश्यक संसाधनों की समीक्षा की थी। उनके मार्गदर्शन में अब कार्य को और अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है। फुटहामुड़ा नहर परियोजना को नगरी अंचल में हरित क्रांति की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

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