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नक्सल प्रभावित अंचलों में सड़क संपर्क को मजबूती, छत्तीसगढ़ को RCPLWEA योजना के तहत ₹195 करोड़ की केंद्रीय सहायता

रायपुर, 7 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित, वनवासी और दुर्गम अंचलों में ग्रामीण संपर्क और आधारभूत संरचना को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए RCPLWEA (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas) योजना के अंतर्गत राज्य को ₹195 करोड़ की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ के उन सुदूर अंचलों में विकास, विश्वास और स्थायी शांति का नया प्रकाश लेकर आएगा, जो दशकों से नक्सल हिंसा और भौगोलिक चुनौतियों से जूझते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि यह निधि पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ खर्च की जाएगी।

यह स्वीकृति वित्त मंत्रालय की “जस्ट-इन-टाइम” प्रणाली के अंतर्गत सिंगल नोडल एजेंसी – स्पर्श मॉडल के माध्यम से प्रदान की गई है। यह मदर सैंक्शन सक्षम प्राधिकरण की अनुमति से तैयार किया गया है और PFMS (Public Financial Management System) पर अपलोड किया गया है।

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स्वीकृत ₹195 करोड़ में से ₹190.6125 करोड़ कार्यक्रम निधि और ₹4.3875 करोड़ प्रशासनिक निधि के रूप में मंजूर हुए हैं, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से राज्य को प्राप्त होंगे। स्पर्श दिशानिर्देशों के अनुसार, एक समय में केवल एक सक्रिय मदर सैंक्शन मान्य रहेगा और पूर्व शेष राशि को उसी में समाहित किया जाएगा।

यह राशि विशेष रूप से राज्य के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलोंदंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर — के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में ऑल-वेदर सड़कों, मार्गों के सुदृढ़ीकरण, सेतु निर्माण और क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं के विकास में उपयोग की जाएगी।

इन संरचनाओं से गांवों को ब्लॉक और जिला मुख्यालयों, बाजारों, विद्यालयों एवं स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा जाएगा, जिससे शासन की पहुंच और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। विशेषकर बाढ़ प्रभावित और वर्षा में अवरुद्ध क्षेत्रों में यह संपर्क जीवनरेखा सिद्ध होगा।

₹4.3875 करोड़ की प्रशासनिक निधि का उपयोग मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन (M&E), तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण और MIS प्लेटफॉर्म के माध्यम से डेटा प्रबंधन हेतु किया जाएगा।

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यह स्वीकृति पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं से समायोजित की गई है —

  • बैच-I (2019–20) के ₹56.82 करोड़

  • बैच-I (2022–23) के ₹133.79 करोड़

समायोजन के बाद बैच-I (2022–23) के लिए ₹217.39 करोड़ आगामी रिलीज हेतु शेष रहेगा। ई-बिल क्लियरेंस, संशोधित मदर सैंक्शन और स्पर्श प्रणाली के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि निधियों का उपयोग योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार त्वरित और प्रभावी रूप से किया जाए। साथ ही, वित्त मंत्रालय के 13 जुलाई 2023 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, योजना पूर्ण होने पर SNAs के खाते बंद कर, शेष केंद्रीय अंश भारत की समेकित निधि (CFI) में वापस करना अनिवार्य होगा। इसी तरह राज्य अंश की शेष राशि राज्य की समेकित निधि में तथा किसी भी केंद्रीय अंश को CFI में लौटाना होगा।

यह स्वीकृति ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकृत अधिकारों और संविलियन वित्त प्रभाग के परामर्श के बाद जारी की गई है।

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मुख्यमंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ के दुर्गम अंचलों में संपर्क सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ सामाजिक समरसता, सुशासन, सेवा-सुलभता और स्थायी शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया है।