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भिलाई में संत कवि पवन दीवान को याद किया साहित्यकारों ने 

भिलाई नगर, 2 जून 2025 / माता कौशल्या गौरव अभियान समिति द्वारा संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से भिलाई नगर में आयोजित कार्यक्रम में अनेक साहित्यकारों और साहित्यप्रेमी नागरिकों ने सुप्रसिद्ध संत कवि पवन दीवान को याद किया। अगासदिया परिसर में दो दिन पहले, 31 मई को, स्वर्गीय श्री दीवान पर केंद्रित इस आयोजन में संस्कृति और साहित्य से लगाव रखने वाले दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल विशेष अतिथि थे।

उन्होंने इस अवसर पर कहा कि छुटपन से हम संत कवि पवन दीवान के विचारों और उनके महान व्यक्तित्व से प्रभावित रहे। उनका काव्य पाठ, प्रवचन और सहज–सरल अट्टहास हम कभी नहीं भूल पाते। वे छत्तीसगढ़ के सच्चे सपूत थे। उन्हें नमन करने के लिए अगासदिया संस्था के आयोजन में आना और आप सबसे मिलना एक उपलब्धि है।

समारोह में, छत्तीसगढ़ के राजिम में जन्मे, भिलाई नगर निवासी वरिष्ठ साहित्यकार रवि श्रीवास्तव ने कहा कि दीवान जी को हमने स्कूल के मैदान में खेलते हुए, राजनीति करते हुए और लगातार आगे बढ़ते हुए देखा। जब वे सन्यासी बने, तब उनकी माता जी को हमने व्यथित होते हुए देखा। वे मुझसे तीन वर्ष छोटे थे, लेकिन हम उन्हें बहुत बड़ा व्यक्तित्व और महान कवि मानते थे। राजिम ही नहीं, छत्तीसगढ़ का गौरव संत पवन दीवान से बढ़ा।

कार्यक्रम में श्रीमती स्मिता वर्मा ने कहा कि संत कवि पवन दीवान को हमने अपने बचपन से ही देखा और उनका आशीर्वाद लिया। अंतिम दस वर्षों में वे माता कौशल्या अभियान में लगातार डॉ. परदेशी राम वर्मा और उनके साथियों को लेकर भिलाई नगर सहित छत्तीसगढ़ के अनेक गाँवों में गए। माता कौशल्या गौरव अभियान समिति के वे प्रथम संस्थापक–अध्यक्ष थे।

संत कवि को याद करते हुए मनहरण साहू ने कहा कि माता कौशल्या अभियान के तहत दो दिवसीय सार्थक मंचीय समारोह मेरे गाँव बोरसी में हुआ था। पवन दीवान जी स्वयं दोनों दिन गाँव में आए थे। उन्हें छत्तीसगढ़ पूजता है, पूजता रहेगा। वे महान संत थे।

शिक्षाविद रजनी नेल्सन ने कहा कि संत पवन दीवान हमारे नेल्सन कलागृह में लगातार आकर आशीर्वाद देते थे। वे एक विलक्षण कवि, महान विचारक, श्रेष्ठ प्रवचनकर्ता और छत्तीसगढ़ के जागरण के अग्रदूत थे।

कार्यक्रम के संयोजक, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने कहा कि संत कवि पवन दीवान ऐसे सपूत थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन छत्तीसगढ़ महतारी के लिए समर्पित कर दिया। उन जैसे महान सपूत और भाषा–संस्कृति के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले व्यक्तित्व पर लगातार काम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा उन पर केंद्रित पुस्तक प्रकाशित की गई, जिसके संपादन और संकलन का सौभाग्य मुझे मिला। राहुल कुमार सिंह इस प्रकाशन के सूत्रधार थे। भिलाई नगर में आज के इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए हम संस्कृति विभाग के आभारी हैं।

राजेन्द्र साहू, महन्त अंतराम और श्रीमती संतोष झांझी ने संत कवि पवन दीवान की कविताओं का पाठ किया। स्वयंसिद्धा संस्था की अध्यक्ष, साहित्यकार डॉ. सोनाली चक्रवर्ती ने आयोजकीय वक्तव्य दिया। सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार और चिंतक कमलेश चंद्राकर ने आभार व्यक्त करते हुए संत पवन दीवान की प्रमुख कविताओं में निहित छत्तीसगढ़ के गौरव गान, इतिहास और संस्कृति के सम्बन्ध में बताया।

इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी कलाकार संदीप चक्रवर्ती, डामन लाल साहू, नीतीश, शायर अब्दुल कलाम, श्रीमती मधु वर्मा, प्रतिभा वर्मा, श्रीमती यमुनोत्री, अंतरा, खुशबू, दक्ष कुमार, रमन खोब्रागड़े, अरूण अग्रवाल और चित्तरंजन साहू सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन महेश कुमार ने किया। अतिथियों को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया।

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