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बलौदाबाजार में जल संचय महाभियान को गति, नियमों का उल्लंघन करने पर लगेगा 25 हजार जुर्माना

बलौदाबाजार। जिले में जल संकट की संभावित स्थिति से निपटने और वर्षा जल के अधिकतम संचयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे जल संचय महाभियान को लेकर प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। इसी कड़ी में सोमवार को जल संचय वाहिनी के सदस्यों का एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें कलेक्टर दीपक सोनी ने अभियान से जुड़ी अहम बातों को रेखांकित किया।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान कलेक्टर ने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जल संचयन से जुड़ी गतिविधियों की हर स्तर पर निगरानी की जाएगी। ग्राम पंचायतों में जल वाहिनी को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। इस दौरान जिला पंचायत की सीईओ सुश्री दिव्या अग्रवाल भी प्रशिक्षण सत्र में मौजूद रहीं।

सख्त कार्रवाई के निर्देश

कलेक्टर सोनी ने साफ निर्देश दिए कि यदि कोई व्यक्ति टुल्लू पंप के माध्यम से अवैध रूप से पानी का दोहन करता है या पाइप काटकर पानी लेता है, तो उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और टुल्लू पंप को जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल संकट को टालने के लिए ऐसे मामलों में सख्त कदम जरूरी हैं।

गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रम

18 अप्रैल से शुरू हुआ यह महाभियान 15 मई 2025 तक चलेगा। इस दौरान सभी ग्राम पंचायतों में जल वाहिनी द्वारा तिथिवार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके। हर वार्ड में जल समस्या का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, साथ ही नहरों व एनीकट की मरम्मत और गेट सुधार कार्यों की भी भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट दी जाएगी।

सुनियोजित जल प्रबंधन पर जोर

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि हर नलकूप के पास सोखता गड्ढा निर्माण और पक्के मकानों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में तकनीकी सहयोग लिया जाए। इसके लिए सब-इंजीनियर और पीएचई विभाग की मदद ली जा सकती है।

उत्कृष्ट कार्य पर पुरस्कार की घोषणा

महाभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जल वाहिनी सदस्यों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक सप्ताह पांच श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जल वाहिनी दलों को चिन्हित कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण में पीएचई, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, जनपद सीईओ, और समस्त ग्राम पंचायतों के जल वाहिनी सदस्य भी शामिल हुए। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जल संचयन को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।