प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए केन्द्र राशि की माँग
रायपुर, 16 जुलाई 2014/ छत्तीसगढ़ ने राज्य में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए केन्द्र से अपनी विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं के लिए 113 करोड़ 15 लाख रूपए की मांग की है। इन पर्यटन परियोजनाओं में गंगरेल बांध को इको पर्यटन स्थल, सिरपुर-कोडार-रायपुर- तन्दुला को मेगा इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना आदि शामिल है। आज नई दिल्ली के संसद भवन में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने केन्द्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री श्रीपद यशो नाईक से मुलाकत की। श्री चन्द्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष लगभग ढाई करोड़ पर्यटक यहां के प्राकतिक, ऐतिहासिक, सांस्कृति व धार्मिक स्थलों का भ्रमण करने आते है। पर्यटकों की संख्या को अगले पांच वर्षों में दस करोड़ किए जाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखा है। उन्होंने केन्द्र से राज्य में पर्यटन के व्यापाक प्रचार-प्रसार हेतु 30 करोड़ के विषेष अनुदान प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया है।
श्री चन्द्राकर ने केन्द्रीय मंत्री ध्यान आकृष्ट कराते हुए बताया कि विगत पांच वर्षों में केन्द्र से राज्य में पर्यटन विकास के लिए कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने राष्ट्रीय होटल प्रबंध संस्थान के लिए भी केन्द्र से मिलने वाली आवश्यक राशि के तत्काल जारी किये जाने का आग्रह किया है। आदिवासी कला, संस्कृति को संरक्षित व उसके विकास के लिए बनाये गए पुरखौती मुक्तागंन में आवश्यक सुविधाओं के विस्तार के लिए उन्होंने केन्द्र से लगभग दो सौ करोड़ रूपये की राशि शीघ्र जारी किये जाने का आग्रह किया है। श्री चन्द्राकर ने कहा कि भारत सरकार की पर्यटन वेबसाईट में छत्तीसगढ़ के सभी पर्यटन क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि देशी व विदेशी सैलानियों की जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ के प्रमुख शिल्प, धार्मिक स्थल, अभ्यारणों आदि की जानकारी विस्तार से भारत सरकार के वेबसाईट में संकलित की जाए। उन्होंने राज्य में वर्ष 2015 में प्रारंभ होने वाले अर्तराष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव के लिए भी केन्द्र से आवश्यक सहायता प्रदान किये जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने राज्य के प्रमुख दो पर्यटन सर्किट जिसमें जगदलपुर से कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान व अमरकंटक, अचानकमार से होते हुए महेशपुर-मैनपाट के क्षेत्र में अधोसंरचना व पर्टयन सुविधाओं के विकास के लिए आवश्यक राशि प्रदान किये जाने की भी मांग की है।