छत्तीसगढ़ की नम्रता जैन आई ए एस बनी
नक्सल हिंसा पीड़ित दंतेवाड़ा जिले के गीदम निवासी होनहार छात्रा कुमारी नम्रता जैन ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा घोषित अंतिम चयन सूची में 99वां रैंक पाया। उनका चयन आईएएस के लिए हो गया है। मुख्यमंत्री ने आज जापान के ओसाका शहर से जारी बधाई संदेश में कहा है-नम्रता की यह उपलब्धि दंतेवाड़ा सहित सम्पूर्ण बस्तर संभाग के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
मुख्यमंत्री ने कहा-मेरा यह सपना था कि दंतेवाड़ा जैसे आदिवासी बहुल पिछड़े जिलों से भी हमारे युवा संघ लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा में शानदार कामयाबी हासिल करें और आई.ए.एस., आईपीएस तथा आईएफएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं में कलेक्टर, एस.पी. जैसे वरिष्ठ अधिकारी बनकर जनता की सेवा करें। नम्रता ने मेरे इस सपने को साकार किया है।
मुख्यमंत्री ने इंजीनियरिंग स्नातक नम्रता जैन सहित उनके पिता श्री झंवरलाल जैन और माता श्रीमती किरण जैन और उनके समस्त परिजनों को बधाई दी है। श्री जैन गीदम में अपना व्यापार करते हैं। डॉ. सिंह ने नम्रता के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है और कहा है कि नम्रता ने 99वां रैंक हासिल किया है और अब वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी बनेंगी।
डॉ. सिंह ने कहा-यह और भी प्रसन्नता का विषय है कि नम्रता ने दंतेवाड़ा में जिला प्रशासन द्वारा संचालित लक्ष्य कोचिंग संस्था में भी अध्ययन किया है। यूपीएससी के इंटरव्यू के पहले उन्होंने इस संस्था में एक महीने तक कोचिंग लिया। उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा में संचालित इस कोचिंग संस्था का शुभारंभ लगभग चार साल पहले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा किया गया था।
वर्तमान में इस संस्था में लगभग 500 युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जा रही है, जिनमें संघ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग शामिल है। नम्रता ने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई दंतेवाड़ा में की है। उन्होंने एक प्राईवेट इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.ई. की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद नई दिल्ली में भी संघ लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग ली थी।