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तिब्बत में 7.1 तीव्रता का भूकंप, 53 लोगों की मौत, 61 घायल

मंगलवार सुबह तिब्बत के नेपाल सीमा से सटे ग्रामीण इलाकों में 7.1 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में 53 लोगों की मौत हो गई और 61 अन्य घायल हो गए। भूकंप के झटके नेपाल, भूटान, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और बिहार में भी महसूस किए गए। 7.1 तीव्रता का भूकंप बेहद शक्तिशाली माना जाता है और यह गंभीर नुकसान पहुंचाने में सक्षम होता है। भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। यह भूकंप 10 किमी की गहराई पर आया, जैसा कि चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र ने रिपोर्ट किया।

चीनी अधिकारियों ने अब तक 36 मौतों की पुष्टि की है, लेकिन सोशल मीडिया पर 53 लोगों की मौत की खबरें सामने आई हैं। मलबा हटने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। चीनी आपात प्रबंधन मंत्रालय ने बताया कि करीब 1,500 दमकल और बचावकर्मियों को मलबे में फंसे लोगों को ढूंढ़ने के लिए तैनात किया गया है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 6:35 बजे आया और इसकी गहराई 93 किलोमीटर थी। इसके पहले, सुबह करीब 5:30 बजे 4.2 तीव्रता का एक हल्का भूकंप दर्ज किया गया था। आज सुबह के तीन घंटे के दौरान इस क्षेत्र में 4.2 या उससे अधिक तीव्रता वाले नौ भूकंप आए।

भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण दक्षिण-पश्चिम चीन, नेपाल और उत्तरी भारत में अक्सर भूकंप आते हैं। चीन के सिचुआन प्रांत में 2008 में आए बड़े भूकंप में लगभग 70,000 लोग मारे गए थे, जबकि 2015 में नेपाल के काठमांडू के पास आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 9,000 लोगों की जान ले ली थी और हजारों घायल हुए थे। यह नेपाल के इतिहास का सबसे विनाशकारी भूकंप था।

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