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स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का ऐतिहासिक प्रभाव

वाराणसी की अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने कहा, ‘मैं जा रहा हूं, लेकिन मैं तब तक वापस नहीं आऊंगा जब तक कि मैं समाज पर बम की तरह फट न सकूं।’  इस अवधि में, स्वामीजी ने एक बार कहा था, ‘मेरे जीवन के अंतिम बारह वर्षों में, मुझे यह नहीं पता था कि अगला भोजन कहाँ से आएगा।’ उन्होंने इस अवधि के दौरान शिकागो में विश्व धर्म संसद के बारे में भी जाना।

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जानिए विवेकानन्द शिला स्मारक के महत्व को, जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ध्यान करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 31 मई और 1 जून को कन्याकुमारी समुद्र के मध्य में स्थित विवेकानन्द शिला स्मारक पर

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