\

स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले काका कालेलकर का सामाजिक जागरण अभियान

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में कुछ सेनानी ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना संघर्ष केवल राजनैतिक अथवा अंग्रेजों से मुक्ति तक ही सीमित न रखा अपितु उन्होंने जीवन भर स्वाभिमान और सामाजिक जागरण का अभियान चलाया। काका कालेलकर ऐसे ही स्वाधीनता सेनानी थे जिन्होंने शैक्षणिक और आर्थिक स्तर भी समाज के उत्थान का अभियान चलाया।

Read more

भारत की स्वतंत्रता में भाई परमानंद का योगदान और बलिदान

1902  में भाई परमानन्द ने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की और लाहौर के दयानन्द एंग्लो महाविद्यालय में शिक्षक नियुक्त हो गये। भारत की प्राचीन संस्कृति तथा वैदिक धर्म में आपकी रुचि देखकर महात्मा हंसराज ने आपको भारतीय संस्कृति का प्रचार करने के लिए अक्टूबर 1905 में अफ्रीका भेजा। डर्बन में भाईजी की गांधीजी से भेंट हुई।

Read more

ऐसी ब्रिटिश नागरिक जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति समर्पित रहीं

यदि कहीं कोई भारतीय बड़े पद पर है और अंग्रेज छोटे पद पर तब भारतीय को क्यों खड़े होना चाहिए और क्यों सामान्य अंग्रेज को पानी पिलाना चाहिए। आरंभ में उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से चर्चा करके मानवीय व्यवहार समझाना चाहा, पर बात नहीं बनी और वे भी नौकरी छोड़कर समाज के जागरण में जुट गयीं।

Read more

लाहौर षडयंत्र और बलवंत सिंह का अमर बलिदान

जालंधर और उसके आसपास आर्यसमाज भी अपने प्रवचनों से स्वत्व एवं सांस्कृतिक भाव जगा रही थी। ऐसे वातावरण में बलवंत सिंह का बचपन बीता था। इसलिए अंग्रेज द्वारा भारतीयों का दमन करने में सहभागी होना उन्हें स्वीकार नहीं था। उनके एक भाई रंगा सिंह क्राँतिकारी गतिविधियों से जुड़ गये थे। अब यह भाई की प्रेरणा हो उनकी या उनकी अपनी अंतरात्मा की आवाज।

Read more

अंग्रेजों से भारत की मुक्ति के लिए सैन्य अभियान की शुरुआत 4 जुलाई 1942 को

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने अंग्रेजों से भारत की मुक्ति के लिये सैन्य संघर्ष आरंभ किया

Read more

आजादी के बाद भोपाल भी था कश्मीर बनने की राह पर : भोपाल विलय दिवस

संघर्ष, बलिदान और आँदोलन के एक लंबे सिलसिले के बाद 1 जून 1949 भोपाल रियासत भारतीय गणतंत्र का अंग बनी।

Read more