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शहनाई के जादूगर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

सुप्रसिद्ध शहनाई वादक ‘भारत रत्न’ उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ को आज उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र नमन। शहनाई वादन में उनके कला -कौशल को देखकर उन्हें ‘शहनाई का जादूगर ‘भी कहा जा सकता है। उंन्होने बनारस को अपनी कर्मभूमि बनाकर जीवन पर्यन्त माँ गंगा के तट पर शहनाई वादन किया। उनके शहनाई वादन में जादुई सम्मोहन हुआ करता था। श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते थे।

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एक युग, अनेक भूमिकाएं : हरि ठाकुर

हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषाओं के वह एक ऐसे कवि थे, जिनकी कविताओं में और जिनके गीतों में अन्याय और शोषण की जंजीरों से माटी -महतारी की मुक्ति की बेचैन अभिव्यक्ति मिलती है। वह एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, इतिहासकार, पत्रकार, लेखक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन के अग्रणी नेता भी थे।

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गैंदसिंह थे छत्तीसगढ़ के प्रथम बलिदानी : स्वतंत्रता संग्राम

उत्तर बस्तर (कांकेर ) जिले में चारामा के शासकीय महाविद्यालय का नामकरण शहीद गैंदसिंह के सम्मान में किया गया है,वहीं नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ सरकार का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और महासमुंद जिले का कोडार सिंचाई जलाशय भी शहीद वीर नारायण सिंह के नाम पर है।

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साहित्य महर्षि लाला जगदलपुरी : पुण्यतिथि विशेष

लाला जगदलपुरी ने अपनी 93 साल की जीवन यात्रा के 77 साल साहित्य साधना में लगा दिए। सृजन चाहे आधुनिक

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डॉक्टरों और नर्सों की प्रेरणास्रोत फ्लोरेन्स नाइटेंगल

आधुनिक अस्पतालों में नर्सिंग यानी मरीज़ों की सेवा -सुश्रुषा को मानवता की सेवा का पर्याय बनाया फ्लोरेन्स नाइटिंगेल ने, जिनकी आज पुण्यतिथि है। उन्हें डॉक्टरों और नर्सों की प्रेरणास्रोत भी कहा जा सकता है।

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छत्तीसगढ़ के विधान सभा  चुनाव नतीजों पर महाग्रंथ ‘निर्वाचन सार -छत्तीसगढ़’ प्रकाशित

जी. आर. राना द्वारा रचित  लगभग 602  (छह सौ दो) पृष्ठों का महाग्रंथ एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ के रूप में सामने आया है। इस महाग्रंथ में छत्तीसगढ़ के सभी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के वर्ष 1952 से लेकर वर्ष 2018 तक के यानी 66 वर्षों के दौरान हुए चुनावों के  रिजल्ट  और उससे संबंधित प्रामाणिक आँकड़े  और रोचक तथा कई प्रामाणिक तथ्य विस्तारपूर्वक संकलित हैं।

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