भगतसिंह के प्रेरणास्रोत और गदर क्रांति के अग्रदूत
उन्हीं दिनों प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हो गया। तब करतार सिंह भारत आ गये। जनवरी 1914 में समाचार पत्र ‘गदर’ का गुरुमुखी संस्करण आरंभ हुआ। लाला हरदयाल जी इसके संपादक और करतार सिंह उपसंपादक बने।
Read Moreउन्हीं दिनों प्रथम विश्व युद्ध आरंभ हो गया। तब करतार सिंह भारत आ गये। जनवरी 1914 में समाचार पत्र ‘गदर’ का गुरुमुखी संस्करण आरंभ हुआ। लाला हरदयाल जी इसके संपादक और करतार सिंह उपसंपादक बने।
Read Moreस्वाधीनता संग्राम में यदि अहिसंक आँदोलन ने पूरे देश में एक जाग्रति का वातावरण बनाया था तो क्राँतिकारी आँदोलन ने अंग्रेजों को सर्वाधिक विचलित किया था। भारत का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहाँ से कोई न कोई नौजवान क्राँतिकारी आँदोलन से न जुड़ा हो। कासगंज के क्राँतिकारी महावीर सिंह राठौर ऐसे क्राँतिकारी थे जिन्होंने सुप्रसिद्ध क्राँतिकारी भगतसिंह और दुर्गाभाभी को सुरक्षित लाहौर से निकाला था।
Read Moreसुप्रसिद्ध क्रांतिकारी प्रीतिलता वादेदार का जन्म 5 मई 1911 को चटगाँव में हुआ था। अब यह क्षेत्र पाकिस्तान में है। उनके पिता नगरपालिका के क्लर्क थे। वे चटगाँव के कन्या विद्यालय की मेधावी छात्रा थीं। उन्होंने सन् 1928 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। वे इंटरमीडिएट परीक्षा में पूरे ढाका बोर्ड में पाँचवें स्थान पर आईं।
Read Moreबाजीराव पेशवा जैसी महान विभूतियों का बलिदान है, जिससे आज भारत का स्वत्व प्रतिष्ठित हो रहा है। ऐसे महान यौद्धा का आज 28 अप्रैल को निर्वाण दिवस है। उनका पूरा जीवन युद्ध में बीता।
Read More26/11 मुम्बई आतंकी हमले का “मास्टरमाइंड” तहव्वुर राणा भारत आ गया है। उससे पूछताछ चल रही है। इस आतंकी हमले से संबंधित अनेक प्रश्न अब तक अनुत्तरित हैं। इनमें एक भारत में आतंकवादियों की जड़ों का है और दूसरा आतंकी हमलों को “भगवा” रंग लपेटकर प्रचारित करने के “मास्टरमाइंड” का है। आशा की जा रही है कि पूछताछ में सभी रहस्य सामने आ सकेंगे।
Read Moreसुप्रसिद्ध बलिदानी तात्या टोपे संसार के उन विरले सेनानायकों में से एक हैं, जिन्होंने न केवल एक व्यापक क्रांति का संचालन किया, बल्कि क्रांति के अधिकांश नेताओं के बलिदान के बाद भी लगभग एक वर्ष तक अकेले अपने पराक्रम से उस क्रांति को जीवंत रखा और पूरे भारत में अंग्रेजों को छकाया।
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