श्री रमेश शर्मा

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भारत की ऋषि परंपरा से वैश्विक स्वास्थ्य तक की यात्रा : योग दिवस

भारतीय ज्ञान परंपरा में योग विधा कितनी प्राचीन है, यह कहना कठिन है। जहाँ तक इतिहास दृष्टि जाती है, वहाँ तक योग का उल्लेख मिलता है। गीता, महाभारत, उपनिषद, अरण्यक और वेदों में भी योग का वर्णन है।

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futuredहमारे नायक

भारतीय स्वाभिमान, स्वाधीनता और संस्कृति की प्रतीक : वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई

स्वाभिमान, स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के लिये भारत में असंख्य बलिदान हुए हैं, तब जाकर हमने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता का सूर्योदय देखा। इन बलिदानों में रानी लक्ष्मीबाई का अनूठा बलिदान भी है, जिन्होंने अपनी अंतिम श्वास तक संघर्ष किया।

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futuredविश्व वार्ता

ग्यारह वर्षों की दृढ़ नेतृत्व यात्रा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत का नवोत्थान

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बहुआयामी विकास की नई उड़ान भरी है। उनकी नीतियों और निर्णयों से आत्मनिर्भर भारत निर्माण को नई गति मिली है।

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futuredइतिहास

भोपाल का स्वाधीनता संघर्ष भारत की आजादी के बाद भी जारी रहा

भोपाल का स्वाधीनता संघर्ष न केवल नबाबी शासन के खिलाफ एक लंबी लड़ाई थी, बल्कि यह भारतीय गणतंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण अध्याय भी है। यह संघर्ष सशस्त्र विद्रोह से लेकर अहिंसक जन आन्दोलनों तक, बलिदानों और दृढ़ संकल्प की कहानी है।

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futuredसाहित्य

धर्म की दीपिका अहिल्या माई : काव्य रचना

माता अहिल्याबाई होलकर के जीवन और कार्यों पर आधारित एक भावात्मक काव्यात्मक कविता जो नारी शक्ति, धर्मपालन, सेवा और राष्ट्रनिर्माण की भावना से ओतप्रोत है ।

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futuredहमारे नायक

सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत: पुण्यश्लोका अहिल्याबाई

पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई ऐसी ही विलक्षण विभूति थीं, जो पूरे भारत राष्ट्र, समाज और संस्कृति के लिये समर्पित रहीं। वे एक छोटे से राज्य इंदौर की शासक थीं, पर उनके हृदय में पूरा भारत राष्ट्र समाया हुआ था।

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