श्री रमेश शर्मा

ताजा खबरें

स्वाधीनता के सूर्योदय के लिये निर्णायक आँदोलन का उद्घोष

स्वाधिनता आँदोलन के इतिहास में यह नौ अगस्त की तिथि दो महत्वपूर्ण स्मृतियों से जुड़ी है। पहली तिथि 9 अगस्त 1925 है इसदिन क्राँतिकारी आँदोलन को गति देने केलिये काकोरी रेल्वे स्टेशन पर सरकारी खजाना लूटा गया था।
दूसरी तिथि 9 अगस्त 1942 है जब अहिसंक आँदोलन को निर्णायक स्वरूप देने के लिये अंग्रेजो भारत छोड़ो आँदोलन आरंभ हुआ था।

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futuredविश्व वार्ता

राष्ट्रमित्र और राष्ट्रशत्रु की पहचान भी आवश्यक

भारतीय राष्ट्रतत्व में सत्य  अहिंसा, शांति, सद्भाव, समन्वय, समरसता और सामूहिकता को प्रधानता है। इसके अनुरूप आचरण करने वाले नागरिकों राष्ट्रमित्र कहा जाता है। इसके विपरीत अशांति, असत्य, हिंसा क्रूरता, वैमस्यता, विखराव और प्रगति में अवरोध उत्पन्न करने वाली मानसिकता के नागरिकों को राष्ट्रशत्रु की पंक्ति में माना जा सकता है।

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futuredहमारे नायक

पुरुषोत्तम दास टंडन का भारत विभाजन का विरोध और राजभाषा हिन्दी के लिए संघर्ष

सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने राजनैतिक सक्रियता के साथ भारत राष्ट्र के

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futuredहमारे नायक

वैदिक साहित्य के पुर्नप्रवर्तक श्रीपाद दामोदर सातवलेकर

हीं उनका संपर्क वे आर्य समाज से हुआ।वे आर्य समाज की वेदांत गोष्ठियों में भाग लेने लगे। उनकी व्याख्या और तर्क से समूचा वैदिक विद्वान समाज प्रभावित हुआ।उन्होंने आर्य समाज केलिये “सत्यार्थ प्रकाश”, “ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका” व “योग तत्वादर्श” का मराठी में अनुवाद भी किया।

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futuredहमारे नायक

भारतीय शिक्षा और समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर

गुरुकुल नष्ट कर दिये गये थे, चर्च और बाइबिल आधारित शिक्षा आरंभ कर दी गई थी। ऐसे समय में एक ऐसे व्यक्तित्व की आवश्यकता थी जो भारतीय समाज में आत्मविश्वास जगाकर अपने स्वत्व से जोड़ने का अभियान छेड़े।

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