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मुख्यमंत्री ने कहा: हम आपके सेवक हैं, समस्याओं को खुलकर बताएं

छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार के तीसरे चरण का आगाज आज कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के मदनपुर ग्राम में हुआ। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने समाधान शिविर में शामिल होकर ग्रामीणों से संवाद किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि “हम आपके सेवक हैं, आपकी समस्याओं का समाधान ही हमारी प्राथमिकता है।”

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया नवीन तहसील भवन का लोकार्पण, 142 साल बाद जांजगीर को नई तहसीली सौगात

संवाद से समाधान के तहत जांजगीर में औचक दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने 4.21 करोड़ रुपये की लागत से बने नवीन तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। यह नया भवन 1883 में अंग्रेजी शासनकाल में बने पुराने तहसील भवन का स्थान लेगा, जो अब इतिहास बन चुका है।

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नवनियुक्त अध्यक्ष प्रहलाद रजक का पदभार ग्रहण संपन्न

रजककार विकास बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रहलाद रजक का पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह 3 मई को मेडिकल कॉलेज सभागृह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।अध्यक्षता मंत्री रामविचार नेताम ने की।

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छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाएं: मुख्यमंत्री से SizeUp और ललन ग्रुप के प्रतिनिधियों की मुलाक़ात

छत्तीसगढ़ को उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में आज दो महत्वपूर्ण उद्योग प्रतिनिधियों ने राज्य के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से भेंट की।

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औद्योगिक पुनर्जागरण की ओर बस्तर : नई नीति से विकास को मिलेगी नई रफ्तार

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग को औद्योगिक विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत बस्तर के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे यहां की आर्थिकी को गति मिलेगी और युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर सुलभ होंगे।

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विकसित बस्तर की ओर” – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कृषि विकास को बताया क्षेत्र के समग्र विकास का आधार

जगदलपुर में आयोजित ‘विकसित बस्तर की ओर’ परिचर्चा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कृषि को मुख्य आधार बताया। उन्होंने मक्के और मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया, साथ ही नक्सलवाद को विकास की कमी का परिणाम बताते हुए इसे जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया। सरकार द्वारा कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में विशेष बजट प्रावधान किए गए हैं, जिससे बस्तर आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सके।

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