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पंडित मालिकराम भोगहा का साहित्यिक अवदान

उड़िया कवि सरलादास ने 14 वीं शताब्दी में लिखा था कि भगवान जगन्नाथ को शबरीनारायण से पुरी ले जाया गया है। यहां भगवान नारायण गुप्त रूप से विराजमान हैं और प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा को सशरीर विराजते हैं। इस दिन उनका दर्शन मोक्षदायी होता है।

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