दिल्ली विजय से दोराहा संधि तक वीरता की अमर गाथा
बाजीराव पेशवा जैसी महान विभूतियों का बलिदान है, जिससे आज भारत का स्वत्व प्रतिष्ठित हो रहा है। ऐसे महान यौद्धा का आज 28 अप्रैल को निर्वाण दिवस है। उनका पूरा जीवन युद्ध में बीता।
Read moreबाजीराव पेशवा जैसी महान विभूतियों का बलिदान है, जिससे आज भारत का स्वत्व प्रतिष्ठित हो रहा है। ऐसे महान यौद्धा का आज 28 अप्रैल को निर्वाण दिवस है। उनका पूरा जीवन युद्ध में बीता।
Read moreक्रूरतम यातनाओं का क्रम सम्भाजी के साथ चला। यह सब कोई 38 दिन चला। उन्हे उल्टा लटका कर पिटाई की गई, आँखे निकालीं गई, चीरा लगाकर नमक लगाया गया, जिव्हा काटी गई। और अंत में एक एक अंग काटकर तुलापुर नदी में फेक दिया गया।
Read moreइतिहास के छिपाए हुए पहलुओं को उजागर करते दर्शकों को आक्रांताओं की क्रूरता से परिचित कराती हैं। ऐसी ही एक फ़िल्म ‘छावा’ मराठी साहित्यकार शिवाजी सावंत द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास छावा पर आधारित है, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर केंद्रित है। यह फ़िल्म दर्शकों को मराठा साम्राज्य के वीर योद्धा संभाजी महाराज की बहादुरी, नेतृत्व और संघर्षों से परिचित कराती है।
Read moreमुगल सेना लगभग सत्तर हजार सैनिकों की एक संयुक्त सेना थी जिसमें मुगल, निजाम, अवध और भोपाल रियासतों के सैनिक थे। सबका समर्पण हुआ। मराठा सेना ने मुगल सेना की तोपें और कुछ हथियार जब्त किये तथा युद्ध व्यय के रूप में पचास लाख रुपया भी वसूल किया।
Read moreबाजीराव पेशवा को एक महान हिंदू योद्धा के रूप में याद किया जाता है, और उनके जीवन और कार्यों ने
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