मित्रता बंधनमुक्त स्वनिर्मित अनमोल होती है : मनकही
मित्र, सखा, साथी, बंधु, दोस्त, मितान, आदि शब्दों को सुनते ही ह्रदय उमंग से भरकर हिलारें लेने लगता है क्योंकि
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