\

जिन्हें जिन्दा कोल्हू में पीसा था औरंगजेब के किलेदार ने..

कुछ विद्वानों का मानना है कि बाबा मोतीराम मेहरा और उनके परिवार को 30 दिसम्बर 1704 को पकड़ा गया और एक जनवरी 1705 को कोल्हू में पीसा गया। जबकि कुछ का मानना है कि 30 दिसंबर को वजीर खान को खबर लगी, 31 दिसम्बर को परिवार सहित पकड़ कर लाया गया, एक जनवरी को पेशी हुई और तीन जनवरी 1705 को कोल्हू में पीसा गया।

Read more

वीर योद्धा कुँवर चैनसिंह और उनकी सैन्य टुकड़ी की शौर्य गाथा

24 जुलाई 1824 : क्राँतिकारी कुंवर चैनसिंह का बलिदान निसंदेह भारत पर दासत्व का अंधकार एक लंबे समय तक छाया

Read more

बंगाल से लेकर कश्मीर तक राष्ट्र रक्षा आदोलनों की लंबी श्रृंखला : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान विशेष

सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्राँतिकारी विचारक डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 23 जुलाई 1901 को बंगाल के अति

Read more

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका : महारानी लक्ष्मी बाई बलिदान दिवस

1857 का स्वतंत्रता संग्राम भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम या सिपाही विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है। यह वह समय था जब भारतीय सैनिकों और जनसमूह ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। इस विद्रोह में लक्ष्मी बाई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी।

Read more