सन संतावन की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधित्व का इतिहास
सन संतावन की क्रांति में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाला गौरव ग्राम सोनाखान बलौदाबाजार जिला के कसडोल विकासखण्ड के अंतर्गत
Read moreसन संतावन की क्रांति में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाला गौरव ग्राम सोनाखान बलौदाबाजार जिला के कसडोल विकासखण्ड के अंतर्गत
Read moreछत्तीसगढ़ के प्रमुख तीर्थ राजिम लेचन मंदिर परिसर में तेलिन मंदिर है जो मूलतः शिवालय है और इसकी भित्ती में एक सती स्तंभ जड़ा हुआ है। इस सती स्तंभ में दो परिचारकों या एक स्त्री एवं पुरूष के मध्य पद्मासनस्थ एक दपंति का उत्कीर्णनन किया गया है। स्तंभ के निचले भाग में कोल्हू (घानी) का उत्कीर्णनन है इस सती स्तंभ को राजिम नामक तेली व्यवसायी एवं भगवत भक्त से जोड़ा जाता है।
Read moreकहा जाता है कि गुरु घासीदास के आध्यात्मिक जागरण आंदोलन में बड़ी संख्या में साहू, यादव, मरार, लोहार सहित लगभग 75 जातियों के लोग जुड़े थे। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार “गुरु घासीदास सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे और उन्होंने अनेक जातियों को एकरस बना दिया था
Read moreयह लेख छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्रांतिकारियों, विशेष रूप से वीर नारायण सिंह, माधो सिंह और वीर सुरेंद्र साय के योगदान को उजागर करता है।
Read moreमार्गदर्शक प्रो. घनाराम साहू ने कहा कि भक्ति की शक्ति से माता कर्मा ने जन कल्याण का कार्य किया, साथ ही साहू समाज में प्रचलित कर्मा माता की जीवनी स्मरण दिलाया। इन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को भी भक्ति में शक्ति का सद उपयोग करते हुए समाज सेवा का कार्य करना है अर्थात साहू समाज एवं साहनी समाज दोनों मिलकर अपने समाज को आगे लाने के दिशा में कार्य करना होगा।
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