प्रो अश्विनी केशरवानी

futuredसाहित्य

प्राचीन छत्तीसगढ़ के रचयिता प्यारेलाल गुप्त की साहित्य साधना

रविशकर वि”वविद्यालय रायपुर से सन् 1973 में प्रकाशित इस ग्रंथ में प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग के पूर्व तक का श्रृंखलाबद्ध इतिहास है। इस ग्रंथ में न केवल प्राचीन छत्तीसगढ़ का इतिहास बल्कि सांस्कृतिक परम्पराओं, लोक कथाओं, पुरातत्व और साहित्य का उल्लेख है। इस ग्रंथ को ‘छत्तीसगढ़ का इनसाइक्लोपीडिया‘ माना जा सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की पदयात्रा करके इस ग्रंथ के लिए सामग्री जुटायी थी।

Read More
futuredसाहित्य

छत्तीसगढ़ के लोक साहित्य को समेटने वाले पंडित अमृतलाल दुबे

मध्य प्रदेश आदिम जाति कल्याण विभाग में क्षेत्र संयोजक के पद पर नियुक्त होकर कार्य आरंभ करने वाले दुबे जी जंगलों और पहाड़ों की तराई में रहने वाले आदिम जातियों के वाचिक लोक साहित्य को केवल पढ़ा ही नहीं बल्कि उसका दुर्लभ संग्रह भी किया

Read More