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बूँद-बूँद सागर : लाला जगदलपुरी की काव्य साधना का प्रतिबिंब

पुस्तक में आठ पृष्ठों में संपादक विनय श्रीवास्तव ने लाला जी की साहित्यिक यात्रा, उपलब्धियों और प्रकाशित कृतियों का गहन परिचय दिया है। वे केवल कवि नहीं, बल्कि एक सशक्त गद्य-शिल्पी, इतिहासकार और लोकसंस्कृति के सजग अध्येता भी थे।

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समकाल की आवाज़ : पुस्तक चर्चा

समकालीन हिन्दी कविता के सशक्त और महत्वपूर्ण रचनाकार,  रंगकर्मी और नाट्य निर्देशक विजय सिंह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर (जिला -बस्तर) के निवासी हैं। उनकी 73 अतुकांत कविताओं का संग्रह ‘समकाल की आवाज़ ‘ सीरिज की एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामने आया है।उनकी चयनित कविताओं की यह किताब नई दिल्ली के न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित की गई है। पुस्तक 132 पेज की है।

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