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महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली से पाँचवीं कक्षा तक हिंदी तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य

महाराष्ट्र के मराठी और अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में अब पहली से पाँचवीं कक्षा तक हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू की जा रही नई तीन-भाषा प्रणाली के अंतर्गत लिया गया है। 2025-26 से यह बदलाव चरणबद्ध रूप से लागू होगा और छात्रों को अब केवल अंक नहीं, बल्कि समग्र विकास के आधार पर ‘होलिस्टिक प्रगति कार्ड’ भी मिलेगा।

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RSS का संतुलित रुख: तमिलनाडु और केंद्र के बीच भाषा विवाद पर राष्ट्रीय एकता और भाषाई विविधता का समर्थन

बीजेपी-नेतृत केंद्र और तमिलनाडु के बीच बढ़ते भाषा विवाद के बीच RSS ने संतुलित रुख अपनाया है, जिसमें मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा और करियर भाषा का उपयोग करने का समर्थन किया गया है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के प्रेस कांफ्रेंस में RSS ने राष्ट्रीय एकता पर चिंता व्यक्त की और हिंदी को थोपने के आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। संघ ने भाषा की विविधता को बनाए रखने और सामाजिक सद्भाव बढ़ाने के लिए कई भाषाओं के ज्ञान को आवश्यक बताया।

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