भारतीय ज्ञान परम्परा में जल संसाधन का उपयोग, संरक्षण तथा प्रबंधन
मौर्य काल के दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षा की क्षेत्रीय जानकारी रखने के लिए वर्षा मापक स्थापित किए गए थे और प्राप्त की गई जानकारी के आधार पर, ‘कृषि अधीक्षक’ द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में बीज बोने के निर्देश दिए जाते थे
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