नाना नानी हो तो नीम जैसे
नीम इतना परिचित और अपना है कि नीमला, नीबड़ा जैसे मैत्री वाली भाषा से भी बुलाया और बतलाया जाता है। है भी ठेठ गंवाई पेड़। गली का पेड़। गली की गांठ चौरे का पेड़। इसको पेड़ से ज्यादा अपना सगा ही माना जाता है। आत्मिक नीम! सेहरी का प्रहरी और घर का जर। रोग हर।
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