स्वराज करुण

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बंगला भाषी प्रदेश में जन्मी हिन्दी पत्रकारिता : हिन्दी पत्रकारिता की यात्रा

नारद जयंती के दिन आया उदन्त मार्तण्ड यानी उगता हुआ सूरज वह नारद जयंती का दिन था। हम भारतीय लोग अपने पौराणिक आख्यानों के अनुसार देवर्षि नारद को दुनिया का पहला पत्रकार मानते हैं,

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futuredहमारे नायक

राजा राममोहन राय : जिन्होंने समाज सुधार के साथ भाषायी पत्रकारिता की बुनियाद रखी

भारत की महान विभूतियों में राजा राममोहन राय का नाम आज भी सम्मान के साथ याद किया जाता है। आज, 22 मई को, उनकी जयंती है।  

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futuredसाहित्य

आज का लेखक कहाँ है, जब पाठक गायब होते जा रहे हैं?

कविता -संग्रह, कहानी -संग्रह, उपन्यास आदि साहित्यिक कृतियाँ  बहुत छप रही हैं, लेकिन पढ़ने वालों की संख्या कम होती जा रही है। अन्य देशों का तो नहीं मालूम लेकिन हमारे देश में अपने आस-पास नज़र दौड़ाएँ तो आम तौर पर ऐसा ही माहौल मिलेगा।

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futuredपुस्तक समीक्षासाहित्य

बूँद-बूँद सागर : लाला जगदलपुरी की काव्य साधना का प्रतिबिंब

पुस्तक में आठ पृष्ठों में संपादक विनय श्रीवास्तव ने लाला जी की साहित्यिक यात्रा, उपलब्धियों और प्रकाशित कृतियों का गहन परिचय दिया है। वे केवल कवि नहीं, बल्कि एक सशक्त गद्य-शिल्पी, इतिहासकार और लोकसंस्कृति के सजग अध्येता भी थे।

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futuredसमाज

होम्योपैथी का आविष्कार एलोपैथिक डॉक्टर ने किया : विश्व होम्योपैथी दिवस

कोरोना काल में इस पद्धति की ‘आर्सेनिकम एलबम 30’ नामक दवा समेत कुछ अन्य औषधियाँ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी साबित हुई थीं। उस समय भारत सरकार के आयुष विभाग ने भी इनके उपयोग के लिए परामर्श जारी किया था।

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futuredपुस्तक समीक्षासाहित्य

लोकभाषा से लोकमन तक लाला जगदलपुरी की बाल रचनाओं की जीवंतता

र्तमान पीढ़ी के बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि अपनी 93 साल की जीवन यात्रा के लगभग सात दशक साहित्य साधना में लगा देने वाले साहित्य महर्षि लाला जगदलपुरी ने बड़ों के लिखने के साथ -साथ बच्चों के लिए भी ख़ूब लिखा।

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