स्वतंत्रता सेनानी

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सारदार पटेल की 150वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ने याद किया लौहपुरुष, राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में किया सम्मान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में उन्हें उनके अदम्य साहस और अखंड भारत की नींव रखने के योगदान के लिए याद किया। राज्य में रन फॉर यूनिटी, रंगोली और काव्य पाठ जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।

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समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी स्वामी ब्रह्मानंद

स्वामी ब्रह्मानंद स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक संत थे। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन, गौरक्षा और शिक्षा प्रसार में उल्लेखनीय योगदान दिया और सांसद रहते हुए भी अपना जीवन राष्ट्र सेवा को समर्पित किया।

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गाय की चर्बी के कारतूस विवाद से शुरू हुआ संतावन का गदर : मंगल पाण्डेय

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 1857 की क्रान्ति को सब जानते हैं। यह एक ऐसा सशस्त्र संघर्ष था जो पूरे देश में एक साथ हुआ। इसमें सैनिकों और स्वाभिमान सम्पन्न रियासतों ने हिस्सा लिया। असंख्य प्राणों की आहूतियाँ हुईं थी। इस संघर्ष का सूत्रपात करने वाले स्वाभिमानी सिपाही मंगल पाण्डेय थे।

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आंध्र प्रदेश में पोत्ति श्रीरामुलु की 58 फीट लंबी प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा, अमरावती में बनेगा स्मारक

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में स्वतंत्रता सेनानी पोत्ति श्रीरामुलु की 58 फीट लंबी प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। यह प्रतिमा श्रीरामुलु की 58 दिन लंबी भूख हड़ताल की याद में बनाई जाएगी, जिसने आंध्र प्रदेश राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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जेल यात्रा और संविधान सभा तक का सफर : पृथ्वी सिंह आजाद

ऐसे चिंतक विचारक और क्राँतिकारी पृथ्वी सिंह आजाद का जन्म 15 सितंबर 1892 को पंजाब प्रांत के मोहाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लालरू में हुआ था। इन दिनों इस क्षेत्र को साहिबजादा अजीतसिंह नगर के नाम से जाना जाता है।

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भारतवर्ष के अमृतकाल मे वंदे मातरम की प्रासंगिकता

विश्व इतिहास मे नारों का अपना इतिहास रहा हैं, कभी कभी तो एक नारा पूरे आंदोलन को बदल के रख देता हैं। इतिहास मे ऐसे कई उदाहरण हैं, जैसे स्वराज मेरा जन्मसिद्धह अधिकार हैं, गरीबी हटाओ आदि आदि। वर्तमान के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे भी हमने देखा होगा की कैसे कुछ नारे “एक हैं तो सेफ हैं” या “बटेंगे तो कटेंगे” पूरे चुनाव मे हावी रहा

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