स्मृतियों में बसा हुआ दर्द और पीढ़ियों का सबक : विभाजन विभीषिका
भारत का विभाजन विश्व इतिहास की एक ऐसी घटना है जिसे सदियों नहीं भुलाया जा सकता। इस विभाजन ने लोगों
Read moreभारत का विभाजन विश्व इतिहास की एक ऐसी घटना है जिसे सदियों नहीं भुलाया जा सकता। इस विभाजन ने लोगों
Read moreहीं उनका संपर्क वे आर्य समाज से हुआ।वे आर्य समाज की वेदांत गोष्ठियों में भाग लेने लगे। उनकी व्याख्या और तर्क से समूचा वैदिक विद्वान समाज प्रभावित हुआ।उन्होंने आर्य समाज केलिये “सत्यार्थ प्रकाश”, “ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका” व “योग तत्वादर्श” का मराठी में अनुवाद भी किया।
Read more24 जुलाई 1824 : क्राँतिकारी कुंवर चैनसिंह का बलिदान निसंदेह भारत पर दासत्व का अंधकार एक लंबे समय तक छाया
Read moreअपने सत्कर्मो से मनुष्य महान बनता है । संत कबीर और महात्मा गाँधी इस बात के उदाहरण हैं। महन्त बिसाहूदास इनके चरण चिन्हों पर चलने वाले हमारे समय के सर्वमान्य नेता थे , उनका उदार चरित्र अनुकरणीय है।
Read moreआज की यात्रा लिली चौक से शुरू होकर नागरीदास मंदिर, बावलीवाले हनुमान, जैतूसाव मठ, जगन्नाथ मंदिर होते हुए तुरी हटरी पर समाप्त हुई। इस वॉक का नेतृत्व अगोरा इको-टूरिज्म के अनुभवी डॉ. आलोक कुमार साहू ने किया। उनके व्यापक ज्ञान और आकर्षक शैली ने सभी प्रतिभागियों के लिए रायपुर के इतिहास को जीवंत कर दिया।
Read moreसंघर्ष, बलिदान और आँदोलन के एक लंबे सिलसिले के बाद 1 जून 1949 भोपाल रियासत भारतीय गणतंत्र का अंग बनी।
Read more