सामाजिक समरसता

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सद्गुरु कबीर प्राकट्य महोत्सव: गोकुल नगर में श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक समरसता का अनुपम संगम

दुर्ग जिले के गोकुल नगर, पुलगांव में 15 जून को सद्गुरु कबीर प्राकट्य दिवस समारोह भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक समरसता के साथ मनाया गया। संत प्रवचनों में कबीर साहेब की शिक्षाओं — जातिवाद, छुआछूत और हिंसा के विरोध — पर बल दिया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में आयोजन भंडारे और संत भेंट पूजा के साथ संपन्न हुआ।

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futuredसाहित्य

धर्म की दीपिका अहिल्या माई : काव्य रचना

माता अहिल्याबाई होलकर के जीवन और कार्यों पर आधारित एक भावात्मक काव्यात्मक कविता जो नारी शक्ति, धर्मपालन, सेवा और राष्ट्रनिर्माण की भावना से ओतप्रोत है ।

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सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत: पुण्यश्लोका अहिल्याबाई

पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई ऐसी ही विलक्षण विभूति थीं, जो पूरे भारत राष्ट्र, समाज और संस्कृति के लिये समर्पित रहीं। वे एक छोटे से राज्य इंदौर की शासक थीं, पर उनके हृदय में पूरा भारत राष्ट्र समाया हुआ था।

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futuredताजा खबरें

ऑपरेशन सिंदूर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सरकार और सेना के कदमों का किया स्वागत

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ऑपरेशन सिंदूर सैन्य कार्रवाई को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समर्थन व्यक्त किया है। संघ ने कहा कि यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा, न्याय और आत्मगौरव के लिए आवश्यक है तथा समस्त देशवासियों से सहयोग और सतर्कता की अपील की है।

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futuredसमाज

काशी में मोहन भागवत ने कहा “सभी हिंदुओं के लिए मंदिर, पानी और श्मशान समान हों”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने काशी (वाराणसी) में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान हिंदू समाज में समानता और एकता की जरूरत पर बल दिया। आईआईटी बीएचयू के जिमखाना मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “सभी हिंदुओं के लिए मंदिर, पानी और श्मशान समान होने चाहिए।”

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आज की दुनिया के लिए शांति और संतुलन का रास्ता : महावीर स्वामी का दर्शन

महावीर स्वामी, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर, एक महान आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक थे, जिनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही सार्थक और प्रासंगिक हैं, जितनी उस समय थीं, जब उन्होंने इन्हें समाज के समक्ष रखा।

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