स्वातंत्र्य समर का बारह वर्षीय सिपाही : बाजी राउत
ओडिशा के बारह वर्षीय बाल स्वतंत्रता सेनानी बाजी राउत की वीरगाथा, जिन्होंने 1938 में अंग्रेजों के सामने झुकने से इनकार कर वीरता से प्राण न्योछावर कर दिए।
Read Moreओडिशा के बारह वर्षीय बाल स्वतंत्रता सेनानी बाजी राउत की वीरगाथा, जिन्होंने 1938 में अंग्रेजों के सामने झुकने से इनकार कर वीरता से प्राण न्योछावर कर दिए।
Read Moreसंत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा, गौरक्षा आंदोलन के अग्रदूत और भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण के प्रतीक थे। उन्होंने समाज को संकीर्तन, साधना और साहित्य से नई दिशा दी।
Read Moreक्रांतिकारी दुर्गा भाभी का जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति का प्रेरक प्रतीक है। भगत सिंह और राजगुरु को सुरक्षित निकालने से लेकर शिक्षा सेवा तक उनका समर्पण अविस्मरणीय है।
Read Moreनवरात्र साधना केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि चेतना को प्रकृति की अनंत ऊर्जा से जोड़ने, शरीर-मन को सशक्त बनाने और आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से आरोग्य प्राप्त करने का वैज्ञानिक व आध्यात्मिक मार्ग है।
Read Moreभारतीय स्वाधीनता संग्राम में कितने सेनानी ऐसे थे जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में तो हिस्सा लिया ही, साथ ही चेतना का ऐसा वातावरण बनाया जिससे समाज जाग्रत हुआ। सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी पत्रकार रामहरख सिंह सहगल ऐसे ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पत्रकार थे
Read Moreसिवाणा दुर्ग के पहले जौहर और साके की रोमांचक गाथा, जिसमें सातलदेव सोनगरा और वीरांगनाओं ने स्वाभिमान व सम्मान की रक्षा हेतु अदम्य साहस और बलिदान का परिचय दिया।
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