\

साबरमती एक्सप्रेस का नरसंहार: गोधरा कांड

इसमें मौके पर ही कुल 90 यात्री मारे गए जिनमें 59 कारसेवक थे। मरने वालों में 27 महिलाएँ और दस बच्चे थे। 48 अन्य यात्री घायल हुये। कुछ घायलों की मौत बाद में हुई। इनकी संख्या अलग-अलग बताई गई। फिर भी कुल सौ से अधिक यात्रियों का बलिदान हुआ।

Read more

ऐसे बलिदानी क्राँतिकारी हैं जिन्हें दो बार आजीवन कारावास हुआ

स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर अकेले ऐसे बलिदानी क्राँतिकारी हैं जिन्हें दो बार आजीवन कारावास हुआ, उनका पूरा जीवन तिहरे संघर्ष से भरा  है। एक संघर्ष राष्ट्र की संस्कृति और परंपरा की पुनर्स्थापना के लिये किया। दूसरा संघर्ष अंग्रेजों से मुक्ति केलिये। और तीसरा संघर्ष भारत के अपने ही बंधुओं के लांछन के झाँछन झेलने का।

Read more

कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टीकरण और उसके प्रभाव

मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर चलते हुये कांग्रेस ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। काँग्रेस के नेतृत्व में काम करने वाली तैलंगाना सरकार ने ओबीसी वर्ग केलिये निर्धारित आरक्षण कोटे से मुसलामानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। तैलंगाना से जनसंख्या के  आंकड़ों में भी हेरफेर करने के आरोप सामने आ रहे हैं।

Read more

स्वराज्य के ज्योतिपुंज लहूजी साल्वे

लहूजी के पूर्वज शिवाजी महाराज के समय पुरन्दर किले के रक्षकों में थे। इसीलिए लहू जी के आदर्श छत्रपति शिवाजी महाराज थे। स्वत्व और स्वाभिमान केलिये लहूजी के संघर्ष का उल्लेख आगे चलकर लोकमान्य तिलक जी ने भी किया है।

Read more

अंग्रेजों ने किया था पूरे गाँव में सामूहिक नरसंहार

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में वनवासी वीर बलिदानी बुधु भगत ऐसा क्राँतिकारी नाम है जिनका उल्लेख भले इतिहास की पुस्तकों में कम हो पर छोटा नागपुर क्षेत्र के समूचे वनवासी अंचल में लोगो की जुबान पर है। उस अंचल में उन्हें दैवीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है। वन्य क्षेत्र के अनेक वनवासी परिवार उन्हें लोक देवता जैसा मानते हैं और उनके स्मरण से अपने शुभ कार्य आरंभ करते हैं।

Read more

वैदिक पुनर्जागरण के अग्रदूत स्वामी दयानन्द सरस्वती

स्वामी जी भले असमय संसार छोड़ गये पर उनकी शिक्षाएँ, संदेश और संस्था ‘आर्यसमाज’ के माध्यम से वैदिक आन्दोलन भारतीय इतिहास में अमर है।

Read more