भारतीय इतिहास

futuredसाहित्य

धर्म की दीपिका अहिल्या माई : काव्य रचना

माता अहिल्याबाई होलकर के जीवन और कार्यों पर आधारित एक भावात्मक काव्यात्मक कविता जो नारी शक्ति, धर्मपालन, सेवा और राष्ट्रनिर्माण की भावना से ओतप्रोत है ।

Read More
futuredहमारे नायक

सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अग्रदूत: पुण्यश्लोका अहिल्याबाई

पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई ऐसी ही विलक्षण विभूति थीं, जो पूरे भारत राष्ट्र, समाज और संस्कृति के लिये समर्पित रहीं। वे एक छोटे से राज्य इंदौर की शासक थीं, पर उनके हृदय में पूरा भारत राष्ट्र समाया हुआ था।

Read More
futuredहमारे नायक

20 मई 1932 सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी विपिन चंद्र पाल का निधन

स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता विपिन चंद्र पाल न केवल एक क्रांतिकारी चिंतक थे, बल्कि उन्होंने आंदोलन को वैचारिक आधार देने के साथ-साथ देशभर में जनजागरण की लहर भी चलाई। “लाल, बाल, पाल” की त्रिमूर्ति में एक प्रमुख स्तंभ रहे पाल ने बंगाल विभाजन के विरोध में अंग्रेजी हुकूमत को खुली चुनौती दी और स्वदेशी आंदोलन की आधारशिला रखी।

Read More
futuredहमारे नायक

वीर संभाजी महाराज का बलिदान: धर्म और स्वाभिमान की अद्वितीय मिसाल

छत्रपति संभाजी महाराज भारतीय इतिहास के वे अमर बलिदानी हैं, जिन्होंने औरंगजेब की क्रूर यातनाओं को झेलकर भी धर्म और देश की रक्षा की। उनका जीवन संघर्ष, शौर्य और अटूट संकल्प की मिसाल है। जानिए कैसे उन्होंने 210 युद्ध जीते और अंत तक हिंदवी स्वराज्य के लिए लड़ते हुए अमर बलिदान दिया।

Read More
futuredहमारे नायक

जिन्होंने सबसे पहले देखा था नये ओड़िशा राज्य का सपना, आज 28 अप्रैल को उनकी जयंती

स्वराज करुण द्वारा लिखित इस आलेख में मधुसूदन दास के प्रेरणादायक जीवन और उनके ओड़िशा राज्य निर्माण के सपने का उल्लेख किया गया है। पहली बार 1903 में ओड़िशा राज्य की परिकल्पना करने वाले मधुसूदन दास को उत्कलवासियों ने ‘उत्कल गौरव’ की उपाधि दी। उनका जन्म 28 अप्रैल 1848 को हुआ था और आज भी उनके योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया जाता है।

Read More
futuredताजा खबरेंविश्व वार्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल, 2025 को पांबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जो 110 साल पुरानी पुल को बदलकर एक नया कनेक्शन प्रदान करेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल, 2025 को पांबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जो 110 साल पुरानी पुल को बदलकर रामेश्वरम को भारतीय मुख्यभूमि से जोड़ने का कार्य करेगा। यह पुल भारतीय बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और इंजीनियरिंग का अद्वितीय उदाहरण है।

Read More