नारी सम्मान

futuredधर्म-अध्यात्म

भक्ति आंदोलनऔर सामाजिक समरसता के प्रकाशपुंज गुरु नानक देव जी

गुरु नानक देव जी ने भक्ति आंदोलन को आध्यात्मिकता से आगे बढ़ाकर सामाजिक समरसता, नारी सम्मान और भाईचारे का प्रतीक बनाया। उनकी साखियों में मानवता और एकेश्वरवाद का जीवंत संदेश छिपा है, जो आज भी प्रासंगिक है।

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futuredछत्तीसगढ

नारी सम्मान और राष्ट्रीय संकल्प का नाम है ऑपरेशन सिन्दूर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

“ऑपरेशन सिन्दूर” भारत की सैन्य शक्ति, वैश्विक नेतृत्व और आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ संकल्प का परिचायक है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए राष्ट्र के गौरव को नमन किया।

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futuredसम्पादकीय

ऑपरेशन सिंदूर: एक आध्यात्मिक वैश्विक राष्ट्रयुद्ध

“ऑपरेशन सिंदूर” एक सैन्य नहीं, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राष्ट्रयुद्ध है—नारी सम्मान, धर्म और मानवता की रक्षा हेतु भारत की आत्मा की पुकार।

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futuredलोक-संस्कृति

प्राचीन भारत में स्त्री शिक्षा और विदुषियों का योगदान

उपनिषदकालीन ब्रह्मवादिनियाँ आज भी हिंदु समाज के विद्वत वर्ग में श्रद्धा से पूजी जाती हैं। ऋग्वेद में गार्गी, मैत्रेयी, घोषा, विश्ववारा, अपाला, अदिति, शची, लोपामुद्रा, सार्पराज्ञी, वाक्क, श्रद्धा, मेधा, सूर्या, सावित्री जैसी वेद मन्त्रद्रष्टा विदुषियों का उल्लेख मिलता है।

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