संसद बना अखाड़ा है – सप्ताह की कविता
समसामयिक राजनीति, समाज और सत्ता की विडंबनाओं पर आधारित एक प्रभावशाली व्यंग्यात्मक कविता — सोच को झकझोर देने वाली रचना।
Read Moreसमसामयिक राजनीति, समाज और सत्ता की विडंबनाओं पर आधारित एक प्रभावशाली व्यंग्यात्मक कविता — सोच को झकझोर देने वाली रचना।
Read Moreडॉ. शुभदा पांडेय की पुस्तक “पन्नाई: यादों का कल्पतरु भूटान” भूटान की प्रकृति, संस्कृति और जीवन-दर्शन का आत्मीय व सजीव चित्र प्रस्तुत करती है। यह यात्रा-वृत्तांत पर्यावरण, स्त्री-सशक्तिकरण और आध्यात्मिक संतुलन का संदेश देता है।
Read Moreकार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. शुभदा पांडेय और प्रा. दिनेश चंद्र शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट शिक्षक ही श्रेष्ठ शिष्य के निर्माता होता हैं। हमारी प्राचीन शिक्षा रोजगार नहीं परोपकार से अपनी पाठशाला आरंभ करती थी।
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