कलम की छाया में मधु स्मृति काव्य से सजी स्मृति संध्या
प्रतिमा अनावरण समारोह के दूसरे सत्र में उन्हें समर्पित काव्य-गोष्ठी आयोजित की गई। महासमुन्द जिले के विकासखंड मुख्यालय पिथौरा के नज़दीक, स्वर्गीय मधु धांधी के गृहग्राम खुटेरी
Read Moreप्रतिमा अनावरण समारोह के दूसरे सत्र में उन्हें समर्पित काव्य-गोष्ठी आयोजित की गई। महासमुन्द जिले के विकासखंड मुख्यालय पिथौरा के नज़दीक, स्वर्गीय मधु धांधी के गृहग्राम खुटेरी
Read Moreवास्तव में लक्ष्मण मस्तुरिया की ये हिन्दी कविताएँ मानव हृदय की कोमल भावनाओं के साथ गाँव, शहर, देश और समाज की जीवन व्यापी हलचल और आज के मनुष्य के दुःख-दर्द का एक जीवंत दस्तावेज़ हैं।
Read Moreछत्तीसगढ़ की लोकभाषाओं — हल्बी, भतरी और छत्तीसगढ़ी — में साहित्य साधना करने वाले महर्षि लाला जगदलपुरी का रचना संसार बस्तर अंचल की मिट्टी की महक और जनजीवन की आत्मा से सराबोर है। उनकी कविताओं का नया संकलन “आंचलिक कविताएँ: समग्र” छत्तीसगढ़ की रंग-बिरंगी बोलियों का साहित्यिक उत्सव है। इस संकलन में उनकी कविताओं का हिन्दी अनुवाद भी प्रस्तुत है, जो हल्बी और भतरी भाषाओं की गहराई और संवेदना को व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाता है। लाला जी की कविताएँ न केवल क्षेत्रीय संस्कृति को उजागर करती हैं, बल्कि बोली से भाषा की ओर बढ़ते साहित्यिक विकास की मिसाल भी पेश करती हैं।
Read Moreछत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया। एमन सरल सुभाव के होथे उन मिलनसार होथे, बासी खाके खेत म अन्न उगाथे,अपन घर पहुना ल बासी खवाके प्रेम से बिदा करथे, खुदे उघरा रइथे , आने ल तन ढंके बर ओन्हा देथें। छलकपट कभू नइ जानै फेर सच कहे बर फुर बोलिक होथे , देस भक्ति के रूप म उन तिरंगा झंडा के गुणगान करथें
Read More