छत्तीसगढ

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बाघों की सुरक्षा के लिए चार राज्यों का समन्वय समूह

छत्तीसगढ़ और तीन अन्य राज्यों ने अवैध शिकार को रोकने के लिए एक समन्वय समूह बनाया है। इस योजना के तहत बाघों पर रोजाना कैमरे से निगरानी रखी जाएगी और नियमित गश्त की जाएगी। इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या मात्र पांच से छह है, जिसके लिए विशेष रणनीतियाँ विकसित की जा रही हैं।

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छत्तीसगढ़ में भालू के हमले से 2 की मौत, 4 घायल

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भालुओं के हमले में एक 13 वर्षीय लड़की समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए। पिछले डेढ़ महीने में भालुओं के हमले के 20 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें लगातार ग्रामीणों पर हमले की घटनाएँ हो रही हैं।

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छत्तीसगढ़ के जशपुर में जंगली हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत, एक घायल

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में जंगली हाथी के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। हाथी झारखंड से भटककर जशपुर आ गया था और आगडीह गांव में इस हमले की घटना हुई। राज्य में पिछले पांच वर्षों में हाथियों के हमलों में 300 से अधिक लोगों की जान गई है, खासतौर पर उत्तरी छत्तीसगढ़ में हाथी-मानव संघर्ष के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

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द बस्तर मड़ई में बिखरेगी बस्तर की बहुरंगी कला-संस्कृति की छटा

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा पर्व के सफल आयोजन को लेकर समीक्षा बैठक की। यह 75 दिनों तक चलने वाला पर्व 4 अगस्त 2024 को पाट जात्रा पूजा विधान से शुरू हुआ

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छत्तीसगढ़ में स्थापित होगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य

छत्तीसगढ़ में देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य, गुरु घासीदास-तमोर पिंगला, जल्द ही अस्तित्व में आएगा। यह नया बाघ अभयारण्य 2829.387 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख वन क्षेत्रों को एकीकृत करके बनाया गया है। इस निर्णय से बाघों की सुरक्षा और संख्या में सुधार की उम्मीद है, साथ ही यह क्षेत्र इको-टूरिज़्म और स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।”

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प्रदर्शन कलाओं में रघुनंदन

जनजातीय संस्कृति का भी रामायण से नज़दीकी रिस्ता है। यहाँ कातकरी खुद को वानर सेना का वंशज मानते हैं। भील माता शबरी को अपना वंशज मानते हैं।सह्याद्रि क्षेत्र के वनवासी हर साल बोहाडा उत्सव मनाते हैं।

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