सिर्फ़ तीस साल की उम्र में शहीद हो गए रामप्रसाद आज महान योद्धा, अमर शहीद की जयंती
यह आलेख अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की जयंती पर उनके क्रांतिकारी जीवन, साहित्यिक योगदान और शहादत की स्मृति को समर्पित है।
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Read Moreरामवृक्ष जी महान् विचारक, चिन्तक, क्राँतिकारी, साहित्यकार और पत्रकार थे। उनकी हर रचना में देश प्रेम और समाज को विसंगतियों से मुक्ति का संदेश होता था। उनके दो प्रमुख उपन्यास “पतितों के देश में” और “आम्रपाली” बहुत मशहूर हुये तो “माटी की मूरतें” कहानी संग्रह तथा चिता के फूल, लाल तारा, कैदी की पत्नी, गेहूँ और गुलाब, जंजीरें और दीवारें भी उल्लेखनीय रहे।
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