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सामाजिक समरसता और राष्ट्रभाव का प्रतीक तीर्थयात्राएं

इस महाकुंभ में पचास करोड़ से अधिक लोगों ने डुबकी लगा चुके हैं। सबने एक दूसरे का कंधा पकड़कर, एक दूसरे का सहयोग करके डुबकी लगाई। किसी ने किसी से जाति नहीं पूछी, अमीरी और गरीबी का भेद नहीं था, अधिकारी और सामान्य का भी भेद न था। सबकी एक ही पहचान “सनातनी हिन्दू”।

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मौनी अमावश्या के पहले दिन शाम 4 बजे तक, 3.90 करोड़ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज, 28 जनवरी 2025 तक, लगभग 10 करोड़ से अधिक भक्तों ने संगम में पवित्र स्नान किया है। सिर्फ आज ही, सुबह 10 बजे तक, 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।

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